मधुबनी.
सुरक्षित मातृत्व आश्वासन कार्यक्रम “सुमन ” के अंतर्गत नयी पहल की की गयी है. सामुदायिक स्तर पर मातृ मृत्यु यानी गर्भावस्था या डिलीवरी के 42 दिन के भीतर महिला की मृत्यु होने पर सबसे पहले सूचना देने वाले व्यक्ति को सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. सूचना पक्की होने पर सूचक को प्रोत्साहन राशि के तौर पर 1000 रुपये दिये जाएंगे. प्रथम सूचना देने वाले में आशा कार्यकर्ता, एएनएम ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ कोई भी आम आदमी हो सकता है. इसके अलावे अगर आशा सबसे पहले मातृ मृत्यु की सूचना देने के साथ-साथ इसकी रिपोर्टिंग भी करती है तो उसे 1200 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. सुमन योजना की यह पहला मातृ मृत्यु दर को कम करने में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है. मातृ मृत्यु की सबसे पहले सूचना 104 कॉल सेंटर के माध्यम से देनी होगी.हर माह होगी समीक्षा
प्रत्येक माह प्रमंडलीय स्तर पर आयोजित जिला पदाधिकारी की मासिक बैठक में मैटरनल डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस एवं स्टेटस ऑफ चाइल्ड डेथ रिव्यू कार्यक्रम की समीक्षा होगी. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल 2030 के लक्ष्य पूरा करना है. इसके तहत 1000 जीवित जन्मे बच्चों पर बाल मृत्यु दर को 25 से कम एवं मातृ मृत्यु दर को एक लाख जीवित जन्मे बच्चों के अनुपात में 70 से कम और नवजात शिशु मृत्यु दर को 12 से कम किए जाने को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है.टोल फ्री नंबर 104 पर दी जा सकेगी जानकारीसिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला की मृत्यु होने की सूचना देने पर सूचक को एक हजार रुपये की राशि दी जाएगी. समुदाय स्तर पर माता की मौत होने की सूचना टोल फ्री नंबर 104 पर दी जा सकेगी. स्थानीय पीएचसी में सूचना देने पर आशा कार्यकर्ता को भी 200 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. गर्भावस्था से लेकर प्रसव के 42 दिनों तक महिला की मृत्यु होने पर ही इसे मातृ मृत्यु में शामिल किया जाता है.
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