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पद्मश्री गोदावरी दत्त नहीं रही, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

मधुबनी पेंटिंग की चर्चित कलाकार पद्मश्री गोदावरी दत्त का बुधवार को उनके रांटी स्थित आवास पर निधन हो गया. 93 साल की गोदावरी दत्त बीते कई दिनों से बीमार चल रही थीं.

रमण कुमार मिश्र, मधुबनी
पद्मश्री गोदावरी दत्त (दाइ जी) पुरस्कार के लिये बनी थीं या फिर पुरस्कार खुद अपने आप को उनके हाथों में आने पर धन्य मानता था. यह कहना असंभव है. जिस प्रकार की सादगी भरे जीवन से दाइजी ने अपने परिवार को सींचा है, वह आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा है. उनके हाथों में आकर जब कूची चलती, रंग बिखरता तो निर्जीव पेंटिंग भी मानों सजीव हो उठती थी. मधुबनी पेंटिंग को अपने दम पर शिखर पर स्थापित करने में पद्मश्री गोदावरी दत्त (दाइ जी) का अमूल्य योगदान रहा है. जातपात, छूआछुत से कोसों दूर.

कलाकार का आदर करना तो कोई इनसे सीखें
बात 4 दिसंबर 2022 की है. हमें मिथिला पेंटिंग की प्रसिद्ध कलाकार रानी झा ने फोन किया.  पद्मश्री गोदावरी दत्त के आवास पर बुलाया. मैं पूछता रहा पर रानी झा ने भी मानों हमें स्थल पर आने से पहले कुछ नहीं बताने की कसम खा ली थी. हम अपने सहयोगी नागेंद्र नाथ झा कल्याण के साथ गोदावरी दत्त (दाइ जी) के आवास पर पहुंचे. वहां हमसे पहले रानी झा पहुंच चुकी थीं. हमें हाथ पकड़ कर दाई जी के

पास ले गयीं. पहली बार दाई जी का दर्शन हो रहा था. सामने साक्षाद सरस्वती बैठी प्रतीत हो रही थीं. हमने चरण छूकर आशीर्वाद लिया. रानी झा का उसी समय हमने दिल से आभार व्यक्त किया कि इस देवी के दर्शन करा दी.


कुछ देर बार रानी झा ने बताया कि मिथिला चित्रकला संस्थान के वर्तमान निदेशक और दूसरी पद्मश्री दुलारी देवी भी आ रही हैं. दाई जी की कुछ पेंटिंग को संग्रहालय में सहेजने के लिए चयन करना है. जब दाई जी की बनाये पेंटिंग का चयन की बात हुई तो फिर हम और कल्याण बैठ गये. परिवार के लोगों ने गोदरेज, ट्रंक ,आलमारी से जब दाइजी की बनायी पेंटिंग को निकालना शुरू किया तो देखने वालों की आंखें फटी की फटी रह गयीं.

एक-एक कर पेंटिंग को टेबल पर रखा जाता, दाइजी पेंटिंग कब बनायी थीं, कितना समय लगा था, पेंटिंग की क्या खासियत है, वह बताने लगतीं. अद्भुत स्मरण. उसी समय पद्मश्री दुलारी देवी भी आ चुकी थीं. दुलारी देवी मछुआ समुदाय से आती हैं. दाई जी के सामने खड़ी रहीं. बैठने में संभवत: संकोच हो रहा था या फिर वह पद्मश्री दुलारी देवी का दाइजी के प्रति आदर की उनके सामने खड़ी ही रहीं.

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बातें करते-करते अचानक दाइ जी (गोदावरी दत्त) की नजर दुलारी देवी पर पड़ी. उन्होंने दुलारी देवी का हाथ पकड़ कर अपने बगल के सोफा पर बिठाया. इसके बाद उनके मुंह से जो बातें निकलीं, वह उनकी महानता को दर्शा रहा था. हाथ पकड़ने के बाद दाइ जी ने दुलारी देवी से कहा कि आप हमारी तरह ही कलाकार हैं. आप को भी पद्मश्री मिल चुका है. आप हमारे पास हमारे साथ बैठिये. एक साथ दो-दो पद्मश्री को देखकर वहां मौजूद हर एक व्यक्ति धन्य हो रहा था. दाई जी को शत-शत नमन. इस दुर्लभ दर्शन कराने के लिए रानी झा का आभार.

मधुबनी पेंटिंग की चर्चित कलाकार पद्मश्री गोदावरी दत्त का बुधवार को उनके रांटी स्थित आवास पर निधन हो गया. 93 साल की गोदावरी दत्त बीते कई दिनों से बीमार चल रही थीं. पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वे कोमा में थीं. साथ ही किडनी खराब हो गई थी. डॉक्टर ने जवाब दे दिया था.

उनके निधन की खबर सुनते ही कला प्रेमियों के साथ ही आम लोगों में शोक की लहर फैल गयी. लोग अंतिम दर्शन को रांटी स्थित आवास पर पहुंचने लगे. जिला पदाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा, एसपी सुशील कुमार, एसडीओ अश्विनी कुमार सहित अन्य अधिकारी भी उनके अंतिम दर्शन को पहुंचे.

पुष्प अर्पण किया. देर शाम पद्मश्री गोदावरी दत्त का  राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया दिया गया. पुत्र हेमचंद्र दत्त ने मुखाग्नि दिया. उनके अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए.

RajeshKumar Ojha
RajeshKumar Ojha
Senior Journalist with more than 20 years of experience in reporting for Print & Digital.

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