मधुबनी . झंझारपुर में केंद्रीय विद्यालय खोले जाने के लिये सर्वेक्षण प्रतिवेदन की मांग किये जाने के बाद इसका व्यापक तौर पर विरोध भी शुरु हो गया है. कइ राजनीतक दलों के लोगों, विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने इसे झंझारपुर में खोले जाने के दिशा में हो रहे पहल पर आपत्ति जतायी है. इस मामले को लेकर अखिल भारतीय मिथिला पार्टी के प्रदेश महासचिव मनोज झा ने कहा है कि यह पूरे जिला के लिये दुख की बात है कि मधुबनी जिला मुख्यालय या इसके समीप के अंचलों में इस विद्यालय का स्थापना होना चाहिये था. जहां सरकारी जमीन की कोई कमी नहीं है. पर इसे हर योजना की तरह झंझारपुर में केंद्रित किया जा रहा है. जो खेद की बात है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में भी केन्द्रीय विद्यालय का आवंटन सिर्फ मधुबनी के लिए ही आया था. इसके लिए काफी संघर्ष भी किया था. इसकी स्थापना के लिए सौराठ में भूमि का आवंटन भी दिया था. जिस पर अभी मिथिला पेंटिंग संस्थान स्थापित है. लेकिन सार्थक पहल नहीं होने और राजनेताओं के दुर्भावना के कारण यह आवंटन वापस चला गया था. केन्द्रीय विद्यालय मधुबनी का ही अधिकार है और इसे अन्यत्र कहीं ले जाने पर जोरदार तरीके से विरोध किया जाएगा.
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