मधुबनी /रहिका. शिमला में भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान राष्ट्रपति निवास द्वारा आयोजित व्याख्यान में डॉ. हेमचंद्र कुमार को सह-अध्येता के रूप में चयनित किये गये. वर्तमान में वे जगदीश नंदन महाविद्यालय मधुबनी के दर्शन शास्त्र विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं. इस सत्र में देश भर से केवल नौ प्राध्यापकों का चयन किया गया. जिनमें बिहार से डॉ. हेमचंद्र कुमार एकमात्र सह-अध्येता रहे. उन्होंने संस्थान में “रजनीश की जीवन-दृष्टि ” विषय पर अपना शोध प्रस्तुत किया. विद्वतजनों ने भविष्य में इस विषय पर और गहराई से शोध करने की प्रेरणा दी. कार्यकाल की समाप्ति के उपरांत मधुबनी आगमन पर शैक्षणिक जगत में हर्ष की लहर है. जगदीश नंदन महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. फूलो पासवान ने कहा कि डॉ. हेमचंद्र कुमार की यह उपलब्धि न केवल हमारे महाविद्यालय के लिए गौरव की बात है, बल्कि समस्त बिहार के लिए प्रेरणास्पद है. उन्होंने दर्शन शास्त्र को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत कर एक नया आयाम दिया है. आर के कॉलेज मधुबनी के प्रधानाचार्य प्रो. अशोक कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति निवास में व्याख्यान देना और भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में चयनित होना डॉ. हेमचंद्र कुमार की शोध-प्रतिभा और अकादमिक समर्पण का प्रमाण है. आर एन कॉलेज पण्डौल के प्रधानाचार्य डॉ. अनिल कुमार चौधरी ने बधाई देते हुए कहा कि बिहार के शिक्षकों में शोध के प्रति प्रतिबद्धता और नवाचार की भावना डॉ. हेमचंद्र कुमार के कार्य से झलकती है. बी.एम. कॉलेज रहिका के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने उनकी उपलब्धियों पर कहा कि डॉ. हेमचंद्र कुमार ने जिस सूक्ष्मता से ””””रजनीश की जीवन-दृष्टि”””” पर शोध प्रस्तुत किया, वह वास्तव में उच्च कोटि का कार्य है. यह उपलब्धि युवा शिक्षकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा. डॉ. सुभद्रा कुमारी सिंह, डॉ. अरुण ठाकुर, डॉ. गंगा प्रसाद सहित कई शिक्षाविदों ने भी बधाई एवं उनके उज्ज्वल शैक्षणिक भविष्य की कामना की.
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