घोघरडीहा . मौसम की बेरुखी और प्रशासनिक उदासीनता ने प्रखंड के किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. अबतक अच्छी बारिश नहीं हुई है. जिससे खेतों में सूखे जैसी स्थिति बन गई है. रही-सही कसर सिंचाई व्यवस्था की बदहाली ने पूरी कर दी है. नहरों में पानी नहीं छोड़े जाने से किसान बेहद परेशान हैं. बेलहा, बथनाहा, ब्रह्मपुर, हुलासपट्टी, पिरोजगढ़, चिकना सहित कई क्षेत्रों की शाखा नहरें सूखी पड़ी हैं. इन इलाकों में किसानों ने बारिश की आस में पंपसेट से पानी पटाकर धान की रोपनी तो कर दिया. लेकिन अब धान के पौधा सूख रहा हैं. जबकि कुछ जगहों पर खेतों की जुताई तक नहीं हो पाई है. प्रशासनिक स्तर पर भले ही दावा किया जा रहा है कि हर खेत तक पानी पहुंचाने का निर्देश नहर विभाग को दिया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है. किसानों का कहना है कि नहरों में पानी नहीं आ रहा है. जबकि हर साल करोड़ों रुपये नहरों के मरम्मती और साफ-सफाई के नाम पर खर्च किए जाते हैं. पश्चिमी कोशी नहर परियोजना अवर प्रमंडल झंझारपुर के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि नहरों में पानी छोड़ा गया है. कार्यपालक अभियंता के इस दावे की सच्चाई जानने के लिए जब संवाददाता बथनाहा, बेलहा, ब्रह्मपुरा, हुलासपट्टी सहित कई अन्य शाखा नहरों की भौतिक सत्यापन की. नहरों तक पानी पहुंचना तो दूर, मुख्य नहरों में भी बूंद भर पानी नहीं है.
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