केके पुट्टी, मधुबनी
जब कभी गर्मी अधिक होती है, हर वक्त लोगों के दिलो दिमाग में बस राहत का एक ही विकल्प नजर आता है, बिजली. लोग अधिकारी से लेकर मिस्त्री, कर्मचारी को फोन करने लगते हैं. लगातार विभाग के अधिकारी अधिक से अधिक बिजली आपूर्ति देने की कोशिश में दिन रात जुटे भी है, लेकिन इन दिनों करीब एक सप्ताह से गर्मी ने इस कदर कहर बरपाना शुरू कर दिया है कि खुद ट्रांसफार्मर को पानी व पंखा की जरूरत हो गयी है. आलम यह है कि विभाग के अधिकारी, अधिकारी दिन में ट्रांसफार्मर को गर्मी से राहत देने के लिये नहाते हैं तो रात में उसम भरी गर्मीं में ठंडा करने के लिये दो – दो पैडस्टल पंखा का हवा देना पड़ता है. दरअसल, लगातार लोड अधिक बढ़ जाने के कारण ट्रांसफार्मर का तापमान जछरत से अधिक होने लगा है. जिसे दिन में पानी देकर तो रात में पंखा ते ठंडा किया जा रुक है, फिर ठंडा होने के बाद बिजली आपूर्ति की जा रही है.
21 मेगावाट बिजली की हो रही खपत
जून महीने में लगातार गर्मी में हो रहे इजाफा के कारण बिजली की खपत बढ़ गयी है. विभाग के कार्यपालक अभियंता मो. अरमान ने बताया कि एक सप्ताह से बिजली की खपत प्रत्येक दिन बढ़ रही है. पिछले साल जून महीने में अधिकतम खपत 17 मेगावाट तक हुआ था, लेकिन इस बार 21 मेगावाट से ज्यादा बिजली की खपत हो रही है. पावर ग्रिड में लगे ट्रांसफार्मर हिट हो जाने के कारण दिन में तीन से चार बार ट्रांसफार्मर को बंद कर उसके ऊपर पानी देकर ठंडा किया जा रहा है, जबकि रात के समय में पावर ट्रांसफार्मर के टेंपरेचर को कम करने के लिए दो पंखा लगाया जाता है, ताकि रात के समय में ट्रांसफार्मर का टेंपरेचर सामान्य रह सके.धूप तेज होने से बंच केबुल जलने की बढ़ी शिकायत
कार्यपालक अभियंता ने कहा कि बंच केबल कम क्षमता के होने के कारण उस पर लोड ज्यादा हो जाने की वजह से बंच केबल जलने की शिकायत बढ़ गयी है. कड़ी धूप रहने के कारण बंच केबल जल्दी हिट हो रहा है. शहर में बिजली व्यवस्था को सही रखने के लिए विभाग मिस्त्री के संख्या में लगातार वृद्धि कर रही है. शहर में दो दर्जन मिस्त्री को लगाया गया है. एक फीडर में तीन से चार मिस्त्री को लगाया गया है. विभाग की ओर से शहर में अभी भी 22 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है