23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Video: आखिर 12 साल पर ही क्यों लगता है महाकुम्भ मेला? जानें कब हुई थी इस मेला की शुरुआत

Video: प्रयागराज में महाकुंभ मेला का आयोजन कब होता है. किन विशेष परिस्थितियों में महाकुंभ मेला लगाता है. 12 साल में एक बार ही महाकुंभ मेला क्यों लगाता है. आइए इस वीडियो के माध्यम से जानते है-

Mahakumbh Mela Video Story: सनातन धर्म में कुंभ मेला का एक अलग ही महत्व है. यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है. इस मेले की तैयारी कई महीने पहले से की जाती है. महाकुंभ मेला 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है. इस मेला में दुनिया भर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचते है. इसका आयोजन पवित्र नदियों के तट पर स्थित चार प्रमुख तीर्थ स्थलों पर होता है. यह स्थल है गंगा, यमुना-सरस्वती के तट पर प्रयागराज, उतराखंड में गंगा के किनारे हरिद्वार, मध्यप्रदेश में शिप्रा नदी पर उज्जैन और महाराष्ट्र के गोदावरी नदी पर नासिक में होता है.

महाकुंभ मेला का आयोजन इन 2 ग्रहों की विशेष स्थिति में होता है-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रयागराज में महाकुंभ मेला का आयोजन 2 ग्रहों की विशेष स्थिति को देखकर किया जाता है. ये दो ग्रह हैं, सूर्य और बृहस्पति. जब सूर्य मकर राशि और देव गुरु बृहस्पति वृषभ राशि में होते हैं तो प्रयागराज में कुंभ मेला लगता है. लेकिन सोचने वाली बात यह है कि महाकुंभ मेला 12 साल में एक बार ही क्यों होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार महाकुंभ का संबंध समुद्र मंथन से है. मंथन से जब अमृत निकला था, तब देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हुआ. माना जाता है कि अमृत कलश से कुछ बूंदे निकल कर धरती के 4 स्थान- प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरा था. इन्हीं 4 स्थानों पर कुंभ का आयोजन होता है.

12 साल पर ही क्यों लगता है महाकुम्भ मेला?

मान्यता यह भी है कि देवताओं और असुरों के बीच 12 दिनों तक युद्ध चला था, जो कि मनुष्य के 12 साल के बराबर होते हैं. यही कारण है कि 12 साल बाद ही महाकुंभ का आयोजन होता है. बताया जाता है कि महाकुंभ मेले का इतिहास साढ़े आठ सौ साल से भी ज्यादा पुराना है. अगर हम बात करें कि कुंभ मेला की शुरुआत कब हुई और किसने की थी. हालांकि इसकी किसी ग्रंथ में कोई प्रमाणिक जानकारी नहीं है. लेकिन इसके बारे में जो वर्णन मिलता है वह सम्राट हर्षवर्धन के समय का है, जिसका चीन के प्रसिद्ध तीर्थयात्री ह्वेनसांग द्वारा किया गया है. पुराणों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि शंकराचार्य ने इसकी शुरुआत की थी और कुछ कथाओं के अनुसार कुंभ की शुरुआत समुद्र मंथन से ही हो गई थी.

Also Read: Mahakumbh 2025 : वह धार्मिक स्थल जिसका प्रभु श्री राम से है अटूट संबंध

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel