बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर महागठबंधन ने कमर कस ली है. रविवार को दीघा-आशियाना रोड स्थित एक रिसोर्ट में महागठबंधन की बैठक हुई है. इस बैठक की अध्यक्षता नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने की, जबकि वीआईपी पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी, सीपीआई (माले) के दीपांकर भट्टाचार्य, कांग्रेस के कृष्ण अल्लावारू, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के रामनरेश पांडे सहित गठबंधन के सभी घटक दलों के प्रमुख नेता, सांसद, विधायक, विधान पार्षद और पदाधिकारी शामिल हुए. इस बैठक को “संवाद कार्यक्रम” का नाम दिया गया.
संयुक्त कार्यक्रम की घोषणा
बैठक में फैसला लिया गया कि बिहार के हर जिले और प्रखंड स्तर पर महागठबंधन संयुक्त कार्यक्रम आयोजित करेगा. इसका उद्देश्य जनता से सीधा संवाद स्थापित कर चुनावी मुद्दों को उजागर करना और भाजपा-जेडीयू सरकार की “विफलताओं” को जनता के सामने लाना है. कार्यक्रमों की तारीखें समन्वय समिति की अगली बैठक में तय की जाएंगी.
साफ एजेंडा: सत्ता परिवर्तन
मीडिया से बात करते हुए वीआईपी पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा, “हमारा एजेंडा बिल्कुल साफ है. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनानी है. इस समय राज्य में जनता की नहीं, ब्यूरोक्रेसी की सरकार चल रही है. गांवों और पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम पर है.” सीएम उम्मीदवार को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने स्पष्ट कहा, “महागठबंधन में कोई भ्रम नहीं है. जिसके पास जनसमर्थन और ताकत होगी, वही नेता आगे बढ़ेगा.”
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अंदरखाने हुआ रणनीतिक मंथन
इस बैठक को विधानसभा चुनाव से पहले संगठन स्तर पर पहली बड़ी तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. जिलास्तर के नेताओं की पहली आमदनी इस बैठक में हुई, जिससे साफ है कि अब अभियान को ज़मीनी स्तर तक ले जाने की तैयारी है. महागठबंधन की यह तीसरी बड़ी बैठक थी और नेताओं ने संकेत दिया है कि आगामी कुछ हफ्तों में संगठनात्मक गतिविधियां और तेज होंगी.
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