PM Modi Gift : मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी में पर्यावरण अनुकूल विकास को बढ़ावा देने के लिए सिटीज 2.0 के तहत कार्यों की शुरुआत अगले छह महीने के भीतर होगी. 2026 तक शहर में कचरा प्रबंधन की नई व्यवस्था लागू हो जायेगी. इसके लिए केंद्र सरकार ने 75 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. नगर निगम 18.75 करोड़ रुपये अपने आंतरिक स्रोतों से खर्च करेगा. इसके अलावा भारत स्वच्छ अभियान से 16 करोड़ रुपये मिलेंगे. सिटीज़ 2.0 के वर्कशॉप में शामिल होकर अहमदाबाद से लौटने के बाद शनिवार को नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
135 करोड़ रुपये का भेजा गया था प्रस्ताव
नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने बताया कि मुजफ्फरपुर शहर की आबादी 4-5 लाख के बीच होने के कारण राशि कम मिली है. पहले स्मार्ट सिटी की तरफ से 135 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था. हालांकि, उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मुजफ्फरपुर के जनप्रतिनिधियों और आम लोगों का सकारात्मक सहयोग मिलने से इतनी ही राशि में बेहतर कार्य होंगे. सिटीज़ 2.0 के तहत केंद्र सरकार की ग्रीन व क्लीन सिटी बनाने की जो परिकल्पना है, वह साकार हो जायेगी. रौतनिया डंपिंग प्वाइंट की भी सूरत बदलेगी. अभी वहां कचरे का पहाड़ है. लेकिन, आने वाले समय में हम वहां का वातावरण इतना बेहतर कर देंगे कि लोग जाकर हरे-भरे क्षेत्र में सेल्फी लेंगे. कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के साथ मिलकर यह कार्यक्रम शहर को कचरा प्रबंधन की नई राह दिखायेगा.
तीन महीने बाद होगा पीएमसी का चयन
नगर आयुक्त ने बताया कि पूरे प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाली प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट एजेंसी (पीएमसी) का चयन होगा. वहीं, पर्यावरण के मुद्दे पर काम करने के लिए संविदा पर दो विशेषज्ञों की बहाली होगी. दोनों बहाली इसी महीने हो जायेगी. अभी सरकार से मिली मंजूरी के बाद कचरा प्रबंधन यानी शहर से निकलने वाले कचरे की मात्रा और प्रकार की जांच के लिए एजेंसी का चयन किया गया है. चयनित एजेंसी तीन महीने में कचरे की समेकित रिपोर्ट देगी. इसी आधार पर पीएमसी का चयन कर डीपीआर बनाने का काम होगा.