राणा गौरी शंकर/ Bihar News: मुंगेर और भागलपुर जिले में गंगा पथ परियोजना को नीतीश कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गयी है. पहला गंगा पथ मुंगेर के सफियाबाद से शुरू होगा, जो बरियारपुर, घोरघट होते हुए सुलतानगंज तक बनेगा. इसकी कुल लंबाई 42 किलोमीटर की होगी. कैबिनट की बैठक को लेकर पथ निर्माण विभाग बिहार पटना के सचिव संदीप कुमार आर पुडकलकट्टी ने एक प्रेस नोट भी जारी किया है. इसमें कहा गया है कि मुंगेर सफियाबाद-बरियारपुर-घोरघट सुलतानगंज (कुल लंबाई 42 किमी) गंगा पथ परियोजना को हाईब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) पर क्रियान्वित कराये जाने के लिए वर्तमान कुल राशि 05 हजार 129 करोड़ 80 लाख रुपये के अनुमानित व्यय पर हाईब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) के तहत क्रियान्वयन की स्वीकृति दी गयी है. प्रस्तावित गंगा पथ परियोजना मुंगेर एवं भागलपुर शहरी क्षेत्र में गंगा के किनारे वैकल्पिक बाईपास, शहरी क्षेत्र में वाहनों के बढ़ते दबाव के कारण जाम की समस्या उत्पन्न होती है. इसको देखते हुए गंगा किनारे वैकल्पिक गंगा पथ के निर्माण से आमजन को निर्वाध एवं सुरक्षित आवागमन की सुविधा उपलब्ध होगी.
लोगों को गंगा नदी का सुंदर नजारा देखने को मिलेगा
मुंगेर जिले में 42 किलोमीटर लंबा फोरलेन मरीन ड्राइव बनेगा और यह एलिवेटेड हाईवे होगा, जो हाईब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) के तहत बनेगा. एलिवेटेड का मतलब जमीन से ऊपर उठा हुआ या ऊंचा है. इसके कई फायदे होते हैं. यातायात में सुधार होगा, जाम की समस्या कम होगी और यात्रा का समय भी कम होगा. सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी बेहतर होगा. सड़क हादसों को कम करने में मददगार साबित होगा, क्योंकि यह पैदल चलने वालों और वाहनों को अलग करता है. प्रदूषण और ईंधन की खपत कम होती है.
गंगा के किनारे सुकून का पल बिता सकेंगे अब जिले के लोग
मरीन ड्राइव से सफर के दौरान लोगों को गंगा नदी का सुंदर नजारा देखने को मिलेगा, खासकर सूर्यास्त के समय का दृश्य बेहद मनमोहक होगा. यह पथ पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित होगा. यहां लोग टहल सकेंगे, दौड़ सकेंगे या बैठ कर गंगा के किनारे सुकून के पल बिता सकेंगे. योजना के तहत गंगा पथ के किनारे कई कैफे, रेस्तरां, शॉपिंग स्पेस और मनोरंजन के केंद्र भी बन जाएंगे. इससे यह स्थान न सिर्फ यात्रियों के लिए उपयोगी होगा, बल्कि रोजगार का अवसर प्रदान करेगा और जिले की अर्थ व्यवस्था मजबूत होगी.
जिले के घाटों का बढ़ जायेगा महत्व
मरीन ड्राइव बनने से मुंगेर के एक दर्जन से अधिक गंगा घाटों का महत्व बढ़ जाएगा. जिले के हेमजापुर, शिवकुंड, फरदा, दोमंठा, सोजी घाट, बबुआ घाट, कष्टहरणी घाट, सीताकुंड डीह घाट, मनियारचक गंगा घाट, बरियारपुर, कल्याणपुर, घोरघट व अन्य गंगा घाट का महत्व काफी बढ़ जायेगा.
क्या है हाईब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम)
हाईब्रिड एन्युटी मॉडल क्या है. हाईब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल है. इसका उपयोग मुख्य रूप से सड़क निर्माण परियोजनाओं में किया जाता है. यह मॉडल इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) और बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) वार्षिकी मॉडल का एक संयोजन है. इस मॉडल में सरकार परियोजना लागत का 40 प्रतिशत तक का भुगतान करती है, जबकि शेष 60 प्रतिशत निजी डेवलपर द्वारा जुटाया जाता है.
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