Vande Bharat- Amrit Bharat: मुजफ्फरपुर जंक्शन पर वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों की रखरखाव व्यवस्था को लेकर रेलवे ने एक बार फिर सक्रियता दिखाई है. सोनपुर मंडल रेल प्रबंधक (DRM) के निर्देश पर प्लेटफॉर्म नंबर 5 के पास बने दो वॉशिंग पिट में से एक को इन वीआईपी ट्रेनों की साफ-सफाई और मरम्मत के लिए उपयोग में लाने की योजना है.
जांच में जुटी रेलवे की टीम
सोमवार से इस दिशा में कार्रवाई की शुरुआत हो गई है. रेलवे के चार अलग-अलग विभागों के अधिकारी, कोचिंग डिपो, परिचालन, इलेक्ट्रिक और सिग्नल विभाग के साथ, दोनों वॉशिंग पिट की गहन जांच कर रहे हैं. पहले केवल पिट नंबर दो को इलेक्ट्रिफाइड कर उपयोग लायक बनाने की बात थी, लेकिन अब दोनों पिट्स पर विचार किया जा रहा है कि कौन-सा ज्यादा उपयुक्त रहेगा.
जलजमाव बना चिंता का कारण
वॉशिंग पिट में जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से हल्की बारिश में भी पानी जमा हो जा रहा है, जिससे काम में बाधा आ रही है. इस समस्या की जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दी गई है.
फिर से शुरू हुई तैयारी
पिछली बार जब पिट नंबर दो की जांच हुई थी तो पाया गया कि इलेक्ट्रिक पोल लगाने की पर्याप्त जगह नहीं है. बाद में थोड़ी जगह निकालने पर चर्चा हुई थी, लेकिन महाकुंभ मेले की तैयारियों के कारण काम रोक दिया गया. अब 26 कोचों की क्षमता वाले वॉशिंग पिट को तैयार करने के लिए अधिकारी दोबारा सक्रिय हो गए हैं.
जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने की योजना धीमी गति से
मुजफ्फरपुर जंक्शन को 450 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक बनाने का काम चल रहा है, लेकिन इसकी प्रगति काफी धीमी है. अभी तक कंबाइंड टर्मिनल बिल्डिंग का कार्य भी अधूरा है, जो मार्च तक पूरा हो जाना था.
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वंदे भारत और अमृत भारत के लिए मिली थी अनुमति
रेलवे बोर्ड ने पिछले साल ही मुजफ्फरपुर से वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनें चलाने की मंजूरी दी थी. इसमें मुजफ्फरपुर से कोलकाता और दिल्ली तक ट्रेनें प्रस्तावित थीं. 22 जून से पाटलिपुत्र से चलने वाली वंदे भारत को गोरखपुर तक विस्तार दिया गया है, जिसे आगे लखनऊ और दिल्ली तक बढ़ाया जा सकता है.
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कपरपुरा में नया कोचिंग डिपो
मुजफ्फरपुर के पास कपरपुरा-कांटी क्षेत्र में एक अत्याधुनिक कोचिंग डिपो बनाए जाने की योजना है. 300 करोड़ रुपये की लागत वाले इस डिपो का सर्वे पूरा हो चुका है. इसके बन जाने पर मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर रेल खंड की ट्रेनों की मेंटेनेंस यहीं की जाएगी. इसकी घोषणा समस्तीपुर डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने पिछले साल की थी.
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