मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
सचिव ने अपने पत्र में सभी विवादित स्थलों की सूची भेजते हुए निर्देश दिया है कि उप विकास आयुक्त संबंधित विभाग के कार्यपालक अभियंता और जिला पंचायती राज पदाधिकारी संयुक्त रूप से इन स्थलों की जांच करें और समस्याओं का समाधान करें. इस संयुक्त जांच की रिपोर्ट विभाग को भेजने का भी अनुरोध किया गया है. यदि इसके बाद भी विवाद खत्म नहीं होता है, तो सचिव ने वैकल्पिक स्थलों की तलाश कर उन्हें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. इस पहल से उम्मीद है कि पंचायत भवनों के निर्माण में आ रही बाधाएं दूर होंगी और ग्रामीण विकास परियोजनाओं को गति मिल सकेगी. जिले में पंचायत सरकार भवनों के निर्माण कार्य में तेजी दिख रही है, अब तक 38 भवन बनकर तैयार हो चुके हैं. हालांकि, इस प्रगति के बावजूद छह पंचायत सरकार भवनों के निर्माण में भूमि विवाद एक बड़ी बाधा बना हुआ है. इन छह स्थलों के लिए अभी तक उपयुक्त जमीन उपलब्ध नहीं हो पायी है, जिसके कारण इन अहम परियोजनाओं का काम रुका हुआ है. ये मामले उन 435 विवादित स्थलों में से हैं जिनका जिक्र पंचायती राज विभाग के सचिव ने सभी डीएम को भेजे गए अपने हालिया पत्र में किया है.
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