प्रेमचंद जयंती समारोह समिति ने किया प्रेमचंद जयंती का आयोजन दीपक – 20 उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर प्रेमचंद जयंती समारोह समिति की ओर से मोतीझील स्थित कार्यालय में प्रेमचंद जयंती समारोह सह शिक्षा व प्रेमचंद विषयक विचार गोष्ठी हुई. कार्यक्रम की शुरुआत मुंशी प्रेमचंद की तस्वीर पर माल्यार्पण व श्रद्धांजलि से हुई. मुख्य संरक्षक प्रो विजय जायसवाल ने कहा कि प्रेमचंद की दृष्टि में शिक्षा ऐसी होनी चाहिये, जो वैज्ञानिक सोच विकसित करे, सत्य की खोज करे व अन्याय के विरुद्ध खड़ा होना सिखाये. लेकिन वर्तमान समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से इस वैज्ञानिक सोच को कमजोर किया जा रहा है. साहित्यकार ब्रह्मानंद ठाकुर ने कहा कि प्रेमचंद के अनुसार, शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि इंसानियत व चरित्र निर्माण है. प्रो अरुण सिंह ने कहा कि प्रेमचंद की नजर में शिक्षा केवल व्यक्तिगत प्रगति का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी की चेतना का माध्यम भी है. समिति के अध्यक्ष प्रो मनोज ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि प्रेमचंद की दृष्टि में शिक्षा वह है, जो संपूर्ण विकास करे. ऐसी शिक्षा जो केवल बौद्धिक विकास तक सीमित रह जाये, अधूरी है. समिति के संरक्षक व पूर्व कुलपति डॉ रविंद्र कुमार रवि के लिखित संदेश को पढ़कर सुनाया गया. संचालन सचिव अमन झा ने किया. इस मौके पर विजय शंकर शाही, हरेराम महतो, वीरेन नंदा, श्रवण, डॉ सोनू सरकार, अनिल अनल, प्रदीप पांडेय, अवधेश महतो, महेश्वर सिंह, रामप्रीत राय, अर्जुन, अजीत गौर, रामविलास राम, डॉ ललन भगत, डॉ अनिल धवन, मो इदरीश, काशीनाथ सहनी, उमेश महतो, प्रेम मुख्य रूप से मौजूद थे.
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