वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बैंक यूनियन के विभिन्न लंबित मांगों को लेकर आगामी 24 और 25 मार्च को होने वाले देशव्यापी बैंक हड़ताल के मद्देनजर मंगलवार मुख्य श्रमायुक्त (सीएलसी) भारत सरकार द्वारा आयोजित समझौता सभा में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के सभी घटक के शीर्ष नेतृत्व और इंडियन बैंक एसोसिएशन तथा डायरेक्टर्स ऑफ फाइनेंसियल सर्विसेज के उच्चतम अधिकारियों के बीच सभी बिंदुओं पर लंबी बातचीत का दौर चला. वार्ता में मुख्य बिंदु जैसे पांच दिवसीय बैंकिंग सप्ताह, नई भर्तियां, एकतरफा परफॉर्मेंस आधारित इंसेंटिव आदि पर कोई भी प्रगति नहीं हो पाई. उक्त जानकारी देते हुए यूएफबीयू के जिला संयोजक मनोरंजनम ने इस लंबी वार्ता के निष्फल होने को बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया. सह संयोजक पंकज कुमार ठाकुर ने भी इस वार्ता के नकारात्मक परिणाम पर रोष जाहिर करते हुए. यह उम्मीद जताई कि आगामी 21 मार्च को पुनः होने वाले समझौता वार्ता में कुछ सकारात्मक परिणाम आ सकता है. ऐसी स्थिति में आगामी 24 और 25 मार्च को होने वाली हड़ताल की स्थिति यथावत है. एआइबीओए के राष्ट्रीय उप महामंत्री मृत्युंजय मिश्रा ने बताया कि बैंक यूनियन की मांग सालों से लंबित चली आ रही है. बैंकों में बड़ी संख्या में अधिकारी व कर्मियों की कमी है. काम बढ़ता जा रहा है और नयी भर्ती नहीं की जा रही है. इस कारण अनावश्यक काम का दबाव बढ़ता जा रहा है. इंडियन बैंक एसोसिएशन के साथ जो भी लंबित मुद्दे है उसका शीघ्र समाधान करे.
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