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Bihar Bhumi: जमीन सर्वे की तैयारी में जुटे लोग, रजिस्ट्री ऑफिस में बस इतने में मिलेगा स्तावेज का प्रमाणित नकल, खूब हो रही भीड़

Bihar Bhumi: दस्तावेज मिलने के बाद उसकी प्रमाणित प्रति (सर्टिफाइड कॉपी) प्राप्त करने के लिए आपको 100 रुपये का गैर-न्यायिक स्टांप और 500 रुपये की रसीद कटवानी होगी. जिला अवर निबंधक मनीष कुमार ने स्पष्ट किया कि इसके अलावा कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है. फिलहाल, रजिस्ट्री कार्यालय के रिकॉर्ड रूम के अंदर के हॉल में आवेदकों को बैठकर अपने पुराने रजिस्टर्ड दस्तावेजों को खोजने की सुविधा दी गयी है.

Bihar Bhumi, देवेश कुमार, मुजफ्फरपुर: जमीन सर्वे की प्रशासनिक कवायद शुरू होने के साथ ही मुजफ्फरपुर के जिला अभिलेखागार और रजिस्ट्री कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में अचानक से भीड़ बढ़ गयी है. बड़ी संख्या में लोग अपनी पैतृक जमीन और पूर्वजों के नाम केवाला की रजिस्टर्ड डीड या खतियान जैसे दस्तावेजों की तलाश में पहुंच रहे हैं. रजिस्ट्री कार्यालय ने आम जनता को खुद से दस्तावेजों की खोजबीन करने की सुविधा दी है.

पंजीकृत दस्तावेजों की तलाशी, निरीक्षण या मुआयना के लिए सरकार ने 100 रुपये का शुल्क निर्धारित किया है. हालांकि, इसकी शर्त यह है कि एक व्यक्ति एक वर्ष के एक ही दस्तावेज की खोजबीन कर सकता है. यदि आप एक साल या उससे अधिक पुराने दस्तावेज की खोजबीन, तलाशी या निरीक्षण करना चाहते हैं, तो शुल्क 1000 रुपये तय किया गया है.

क्या-क्या खोज सकते हैं

एक साथ 10-12 लोग बैठकर रजिस्टर में अंकित नाम, राजस्व ग्राम, खाता, खेसरा और थाना नंबर आदि के आधार पर अपने दस्तावेज खोज सकते हैं. रजिस्टर से जानकारी मिलने के बाद अभिलेखागार में रखे रिकॉर्ड को निकालकर उसकी प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराई जायेगी.

जिला अवर निबंधक मनीष कुमार ने बताया कि अपने पूर्वजों के नाम पंजीकृत दस्तावेजों की जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति सीधे रिकॉर्ड रूम के काउंटर से रसीद कटवा सकते हैं. यदि वे साक्षर नहीं हैं, तो वे अपने द्वारा अधिकृत प्रतिनिधि के साथ दस्तावेजों की तलाशी ले सकते हैं.

1995 से अब तक का ऑनलाइन उपलब्ध है रजिस्टर्ड दस्तावेज

रजिस्ट्री ऑफिस के अनुसार, वर्ष 1995 से लेकर अब तक के सभी तरह के रजिस्टर्ड दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध है. इसके लिए कोई भी विभागीय वेबसाइट bhumijankari.bihar.gov.in के माध्यम से सर्च कर सकते हैं. इससे पहले का दस्तावेज ऑनलाइन नहीं है, जिसकी तलाशी रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध रजिस्टर व वॉल्यूम से होगी.

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पुराने रिकॉर्ड की बढ़ी डिमांड, 100-125 चिरकुट हो रहा फाइल

जमाबंदी के नियम बदलने और नये सिरे से होने वाले जमीन सर्वे को लेकर दादा, परदादा के नाम जमाबंदी वाले जमीन को अपने नाम कराने के लिए लोग बड़ी संख्या में पुराने रजिस्टर्ड डीड की तलाश कर रहे हैं. इस कारण रजिस्ट्री ऑफिस के रिकॉर्ड रूम से पुरखों के नाम रजिस्टर्ड दस्तावेज की खोजबीन के लिए पहले की तुलना में सीधे तीन से चार गुना अधिक चिरकुट फाइल होने लगा है.

रिकॉर्ड सेक्शन के अनुसार, वर्तमान में एक दिन में 100-125 के बीच चिरकुट फाइल हो रहा है. इसके आधार पर पुराने दस्तावेजों की खोजबीन कर आवेदक को उपलब्ध कराया जा रहा है.

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Paritosh Shahi
Paritosh Shahi
परितोष शाही डिजिटल माध्यम में पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में एक्टिव हैं. करियर की शुरुआत राजस्थान पत्रिका से की. अभी प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में काम कर रहे हैं. देश और राज्य की राजनीति, सिनेमा और खेल (क्रिकेट) में रुचि रखते हैं.

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