Bihar: कुमार गौरव: परिवहन मुख्यालय की ओर से बिना नंबर के चल रहे गाड़ियों पर कड़ी कार्रवाई को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग में सभी डीटीओ व एमवीआइ को निर्देश दिये गये. जिसमें स्पष्ट रूप कहा गया कि वाहन एजेंसी को गाड़ी के निबंधन व नंबर प्लेट के साथ गाड़ी की डिलीवरी वाहन मालिक को करनी है. अब वाहनों के निबंधन और नंबर प्लेट संबंधित सभी कार्य की जवाबदेही वाहन एजेंसी की है. इसके लिए उन्हें लॉगिन आइडी व पासवर्ड भी उपलब्ध कराया जा चुका है. बावजूद इसके ऐसा देखा जा रहा है कि वाहन एजेंसी बिना नंबर प्लेट लगाये गाड़ी की डिलीवरी कर दे रही है.
बिना नंबर के गाड़ी चलाते हैं वाहन मालिक
वाहन मालिक भी बिना नंबर की गाड़ी लेकर बाजार में निकल चलते है. सड़कों पर ट्रैफिक नियम के उल्लंघन पर इन गाड़ियों की पहचान नहीं हो पाती है. वहीं किसी प्रकार की दुर्घटना घटने पर भी पहचान नहीं हो पाती है. वाहन जांच के दौरान ऐसी गाड़ी जब पकड़ी जाती है तो मामले में पता चलता है कि वाहन मालिक को गाड़ी खरीदने के दो सप्ताह बाद भी नंबर प्लेट उपलब्ध नहीं हो पाया. इधर मामले में डीटीओ कुमार सत्येंद्र यादव ने बताया कि बिना नंबर के गाड़ी डिलीवरी करने वाले वाहन एजेंसी पर टैक्स का अधिकतम 15 गुणा तक जुर्माना किया जायेगा. गलती दोहराने पर ट्रेड लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई होगी.
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50 हजार टैक्स तो 7.5 लाख रुपये जुर्माना
अगर वाहन एजेंसी बिना नंबर के गाड़ी की डिलीवरी करती है और वाहन जांच में ऐसी गाड़ी मिलती है जो बिना नंबर व प्लेट के है तो वाहन मालिक पर बिना निबंधन के गाड़ी चलाने का जुर्माना होगा. जबकि संबंधित वाहन एजेंसी पर टैक्स की राशि का 15 गुणा तक जुर्माना होगा. उदाहरण के तौर पर किसी चौपहिया वाहन का रजिस्ट्रेशन शुल्क 50 हजार रुपये है तो संबंधित वाहन एजेंसी पर 7.5 लाख रुपये का जुर्माना होगा. इस तरह दोपहिया वाहन में रजिस्ट्रेशन शुल्क 10 हजार रुपये है तो संबंधित वाहन एजेंसी पर 1.5 लाख रुपये जुर्माना लगेगा, जो कि करीब करीब एक दोपहिया वाहन की पूरी कीमत होगी. ऐसे हालत में वाहन मालिक के साथ वाहन एजेंसी दोनों को सावधानी बरतने की जरूरत है.
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