Bihar News: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने राज्य में एक बड़े और सकारात्मक बदलाव की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि बिहार सरकार बहुत जल्द 40,000 स्वास्थ्यकर्मियों और मानव बल की बहाली करेगी. यह फैसला न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार भी देगा. इस बहाली में डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन, लैब असिस्टेंट, फार्मासिस्ट और अन्य सहायक स्टाफ शामिल होंगे. इससे स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में स्टाफ की कमी दूर होगी और मरीजों को त्वरित इलाज मिल सकेगा.
इस बहाली की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से होगी और योग्य उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी. मंत्री के अनुसार, सरकार का लक्ष्य है कि हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सदर अस्पतालों में पर्याप्त मानव संसाधन हो, ताकि किसी भी मरीज को इलाज के लिए भटकना न पड़े. यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के नए अवसर खोलने का काम करेगी, जहां स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत है.
स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली का उद्देश्य और महत्व
इस बहाली का एक प्रमुख उद्देश्य है – स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को गांव-गांव तक सुनिश्चित करना. सरकार का जोर इस बार सिर्फ शहरी इलाकों पर नहीं, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों पर भी है. मुजफ्फरपुर जिले के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन रहा जब स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मॉडल सदर अस्पताल का उद्घाटन किया. यह अस्पताल आधुनिक तकनीक से लैस होगा और यहां इलाज की तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
अस्पताल की विशेषताएं और आधुनिक सुविधाएं
इस मॉडल सदर अस्पताल में कुल 100 बेड की सुविधा है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर 16 विभागों की ओपीडी चलाई जाएंगी. इसके अलावा, 20 बेड इमरजेंसी सेवाओं के लिए आरक्षित होंगे, जिससे आपातकालीन स्थिति में तुरंत इलाज मिल सके. एक जून से अस्पताल में सभी सेवाएं शुरू हो जाएंगी, हालांकिस ओपीडी सेवाएं पहले ही 15 मई से चालू कर दी गई हैं.
29.8 करोड़ की लागत से हुआ निर्माण
मॉडल सदर अस्पताल का निर्माण कुल 29 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से हुआ है. इस अस्पताल की शुरुआत से मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के लाखों लोगों को सीधे लाभ मिलेगा. स्वास्थ्य मंत्री ने मुजफ्फरपुर जिले में 27 नए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की ऑनलाइन आधारशिला भी रखी. इन केंद्रों पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं, नियमित जांच, टीकाकरण, परामर्श और महिलाओं के लिए मातृत्व सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इसका उद्देश्य है हर गांव और कस्बे तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना. इन 27 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों के निर्माण पर कुल 11.56 करोड़ रुपये की लागत आएगी.