देवेश कुमार/ Bihar News: मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले परिवार का वंशावली अब नये फॉर्मेट में बनेगा. पहले सिर्फ पार्षद के हस्ताक्षर से वंशावली बन जाता था. लेकिन, अब पार्षद के साथ-साथ उस वार्ड के टैक्स वसूली करने वाले तहसीलदार का भी वंशावली पर हस्ताक्षर होगा. यानी, संयुक्त हस्ताक्षर से निर्गत वंशावली ही मान्य होगा. अभी सबसे ज्यादा वंशावली का काम गरीबों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ लेने एवं जमीन सर्वे आदि में काम आ रहा है.
फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
बीते एक सप्ताह से नगर निगम से जारी फॉर्मेट में ही पार्षदों को वंशावली बनाने को कहा गया है. यही नहीं, पार्षद व तहसीलदार जो वंशावली निर्गत करेंगे. उन्हें इसका पूरा रिकॉर्ड भी रखना होगा. इसके लिए उन्हें एक रजिस्टर ओपन करना है, जिस पर वंशावली का डिटेल अंकित कर उसका सीरियल नंबर वंशावली पर इंट्री करना होगा. नगर निगम के इस फैसले से वंशावली बनाने में होने वाले फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी. कई ऐसे मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें फर्जी तरीके से वंशावली बनवा लगाया गया है.
शपथ पत्र देना अनिवार्य, सत्यता की जांच करेंगे तहसीलदार
वंशावली बनाने से पहले जो व्यक्ति वंशावली बनवाना चाहते हैं, उन्हें शपथ पत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है. शपथ पत्र संख्या भी वंशावली पर अंकित करना है. इसके बाद तहसीलदार उसका सत्यापन करेंगे. वंशावली के लिए शपथ पत्र जो तैयार किया गया है. इसमें तहसीलदार यह देखेंगे कि दी गयी जानकारी सही है या गलत. आसपास के लोगों से बातचीत कर पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही तहसीलदार हस्ताक्षर करेंगे.