मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर तिरहुत प्रमंडल, जिसमें मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर और वैशाली जैसे जिले शामिल हैं, में सरकारी राजस्व की वसूली को लेकर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है. निलामवाद के मामलों में 11 हजार से अधिक डिफाल्टरों के खिलाफ बॉडी वारंट जारी किये गये हैं. इसका सीधा मतलब है कि इन बकायेदारों को गिरफ्तार कर उनसे बकाया राशि वसूल की जायेगी. प्रमंडल अंतर्गत मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, वैशाली, शिवहर, पूर्वी और पश्चिम चंपारण जिले में एक लाख 61 हजार से अधिक वाद लंबित है. इसमें सबसे अधिक पांच सौ करोड़ रुपये की वसूली मुजफ्फरपुर में लंबित है, जबकि शिवहर में सबसे कम 62 करोड़ 88 लाख वसूली की जानी है. वसूली के मामले में वैशाली, सीतामढ़ी और शिवहर की प्रगति बहुत कम है, जबकि अब तक जो वसूली हुई है उसमें 11 करोड़ रुपये से अधिक वसूली करने के साथ मुजफ्फरपुर अव्वल है.
क्या है निलामवाद का मामला?
निलामवाद उन मामलों में है, जिसमें किसी व्यक्ति या संस्था पर सरकारी विभाग, बैंक, या अन्य वित्तीय संस्थाओं का बकाया होता है, और बार-बार नोटिस के बावजूद वे राशि का भुगतान नहीं करते. ऐसी स्थिति में, सरकार या संबंधित संस्था बकाया वसूलने के लिए कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेती है, जिसमें संबंधित व्यक्ति की चल-अचल संपत्ति की कुर्की-जब्ती या गिरफ्तारी शामिल हो सकती है. बॉडी वारंट का अर्थ है कि बकायादार को व्यक्तिगत रूप से गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया गया है.
किस तरह के बकायेदार हैं निशाने पर?
यह कार्रवाई मुख्य रूप से उन लोगों पर केंद्रित है जिन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं, ऋणों, या अन्य मदों में सरकार का पैसा नहीं चुकाया है. इसमें कृषि ऋण, सरकारी योजनाओं के तहत लिए गए कर्ज, राजस्व बकाया, या अन्य किसी भी प्रकार का सरकारी उधार शामिल हो सकता है.
जिलावार लंबित वाद व वसूली की स्थिति (करोड़ रुपये में)
जिलानिर्धारित लक्ष्य (करोड़)वसूली (करोड़)लंबित वादों की संख्या
मुजफ्फरपुर500.8511.6437,223
सीतामढ़ी312.931.1811,580
वैशाली329.041.4921,704
पूर्वी चंपारण751.998.7558,607
पश्चिम चंपारण435.535.3329,934
शिवहर62.880.482,326B
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