कला श्री केंद्र और बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की संयुक्त पहल
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जिले के बच्चों की कला प्रतिभा को निखारने और शहर की पुरानी नाट्य, लोकगीत और लोकनृत्य की विशिष्ट परंपरा को फिर से बहाल करने के लिये पुरानी बाजार स्थित कला श्री केंद्र बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के साथ प्रतिभाएं खो न जाएं अभियान की शुरुआत कर रहा है. इसके तहत प्रतिभाओं को खोज कर उन्हें निखारा जायेगा. यह जानकारी समाजसेवी राकेश कुमार साहू ने गुरुवार को कलाश्री केंद्र में आयोजित प्रेसवार्ता में दी. उन्होंने कहा कि अभियान का मुख्य उद्देश्य स्कूलों, इंटर कॉलेजों और डिग्री कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के बीच छुपी हुई नाट्य कला की प्रतिभाओं को खोजना, उन्हें प्रशिक्षित करना और उनकी प्रतिभा को निखारने के बाद राज्यस्तरीय व राष्ट्रस्तरीय मंच प्रदान करना है. कलाश्री केंद्र के सचिव अजय कुमार विजेता ने ने कहा कि अभियान के तहत विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे. इसके तहत कलाश्री की ओर से नाटक प्रस्तुत किये जायेंगे और चयनित छात्र-छात्राओं द्वारा एकल अभिनय, लोकगीत और लोकनृत्य की प्रतियोगिताएं होंगी और बेहतर प्रस्तुति देने वाले बच्चों को पुरस्कृत भी किया जायेगा. चयनित छात्र-छात्राओं का प्रशिक्षण दिया जायेगा. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के विवि सांस्कृतिक समन्वयक डॉ इंदुधर झा ने कहा कि कलाश्री केंद्र और बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में प्रतिभाएं खो न पाएं ” कार्यक्रम का आयोजन मुजफ्फरपुर की सांस्कृतिक धरती पर पहली बार हो रहा है. इस कार्यक्रम के माध्यम से बड़ी संख्या में प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण द्वारा प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है