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Chamki Fever: पिछले पंद्रह सालों में मुजफ्फरपुर के 2092 बच्चे चमकी बुखार से हुए पीडित, 475 बच्चों की हुई मौत

Chamki Fever: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का सिलसिला पिछले कई वर्षों से जारी है. मॉनसून आने से ठीक पहले ही गर्मियों में एक बेहद जटिल और लाइलाज एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) चमकी बुखार बच्चों को बेहोश और लाचार कर देता है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आकड़ें के अनुसार पिछले पंद्रह सालों में मुजफ्फरपुर के 2092 बच्चे एईएस से बीमार हो कर अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं, जबकि 475 बच्चों की मौत मेडिकल कॉलेज में एईएस नामक बीमारी से हो चुकी हैं.

कुमार दीपू/ मुजफ्फरपुर. चमकी बुखार (Chamki Fever) के सात केस एसकेएमसीएच में भर्ती होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की बेचैनी बढ़ गई है, इस साल मुजफ्फरपुर के बच्चे एईएस से बीमार ना होने लगे इसके लिये अभी से ही चौपाल से लेकर जागरुकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. एईएस से बीमार बच्चे पर अगर नजर डाले तो पिछले पंद्रह सालों में जिले के 2092 बच्चे इंसेफेलाइिटस से बीमार हो कर अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं. जबकि 475 बच्चों की मौत मेडिकल कॉलेज में एईएस नामक बीमारी से हो चुकी हैं. जबकि 1617 बच्चे इस बीमारी से स्वस्थ्य हुए हैं. लेकिन इनमें से कुछ बच्चे स्वस्थ्य हुए हैं, वह शारीरिक, मानिसक रूप से दिव्यांग भी हुए हैं. यह आकड़ें स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किये गये हैं.

चमकी बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ गोपाल शंकर साहनी ने बताया जेई व इंसेफेलाइिटस एक तरह से यहां पर महामारी का रूप ले चुका था. हर साल बच्चों की जान यह ले रहा था, लेकिन इसके लिए सरकार की ओर से टीकाकरण और दूसरे प्रयासों से इस बीमार पर काबू पा लिया गया. उससे अब बच्चे ही इस बीमारी की चपेट में ना के बराबर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से यहां के बच्चों का उपचार करने के लिए मेडिकल कॉलेज में पीआइसीयू वार्ड बनाया गया है. जबकि सदर अस्पताल, केजरीवाल अस्पताल और पीएचसी, सीएचसी में भी अलग वार्ड भी हैं.

सबसे अधिक मीनापुर में बीमार और मौत हुए बच्चे

पिछले पंद्रह सालों में जेई व एईएस से सबसे अधिक बच्चे मीनापुर में बीमार हुए. इस प्रखंड में 316 बच्चे बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हुए है. जबकि इस बीमारी से इस प्रखंड के 69 बच्चे की मौत हो चुकी हैं. वहीं मुशहरी प्रखंड में 245 बच्चे बीमार हुए है. जबकि 46 बच्चे की मौत हुई हैं. कांटी प्रखंड में 143 बच्चे बीमार हुए और 39 बच्चे की मौत हो चुकी हैं. बोचहां में 159 बच्चे बीमारी से ग्रसित हुए, जिसमें 29 बच्चे की मौत हुई. अगर सबसे कम बच्चे बीमार और मौत की बात करे तो इसमें साहेबगंज प्रखंड है. जहां पंद्रह सालों में 45 बच्चे बीमार हुए और मौत दस बच्चे की हुई. वहीं बंदरा प्रखंड में भी 50 बच्चे बीमार हुए और सात बच्चे की मौत हुई.

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मुजफ्फरपुर में एईएस से बीमार व मौत

क्रमांक सालबीमार मौत
01201059 24
022011121 45
032012336 120
042013124 39
052014701 90
06201572 09
07201631 04
08201717 11
09201815 08
102019431 111
11202043 07
122021111 06
13202249 01
14202341 00
15202441 00
Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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