एक, दो और पांच के सिक्कों की सर्वाधिक किल्लत
जलाभिषेक में जल संग सिक्के चढ़ाने से हुई दिक्कतपहलेजा व सुल्तानगंज जानेवाले कांवरिये ले जा रहे हैं सिक्के
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरबाजार में सिक्के नहीं खनक रहे हैं. एक, दो और पांच के सिक्कों की सर्वाधिक किल्लत हो गयी है.दुकानदार परेशान हैं कि ग्राहक को क्या लौटाएं. पहलेजा व सुल्तानगंज जानेवाले कांवरिये सिक्कों को ले जा रहे हैं. ऐसे में फुटकर की समस्या उत्पन्न हो गयी है. इन दिनों शहर में एक, दो व पांच के सिक्कों की कमी के चलते आम लोगों से लेकर दुकानदारों तक को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस कमी का मुख्य कारण सावन में कांवरियों का बाबा गरीबनाथ व बाबा वैद्यनाथ को जलाभिषेक की परंपरा से जुड़ा है. कांवरियों द्वारा अपनी यात्रा में सुविधा के लिए बड़ी मात्रा में सिक्के ले जाने व जलाभिषेक के दौरान लोटे में सिक्के चढ़ाने की परंपरा ने बाजार से खुदरा पैसों को गायब कर दिया है. अधिकतर दुकानों में खुदरा पैसे नहीं मिल रहे हैं. इससे दुकानदारों को लेन-देन में दिक्कत आ रही है.
फुटकर में सिक्के नहीं, दे रहे हैं टॉफियां
सबसे अधिक एक व दो रुपये के सिक्कों की कमी है. दुकानदार ग्राहकों को खुले पैसे लौटाने के बजाय टॉफियां देने को मजबूर हैं. जेल रोड स्थित किराना स्टोर के संचालक रमेश कुमार ने बताया कि पिछले दो-चार दिनों से खुदरा पैसों की किल्लत बढ़ी है. अचानक बाजार से सिक्के गायब हो गए हैं, जिससे काफी परेशानी हो रही है. पुरानी बाजार के एक जनरल स्टोर संचालक अमित कुमार ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि खुदरा पैसों की कमी तो पहले से थी, लेकिन सावन शुरू होने के बाद से यह समस्या और ज्यादा हो गयी है. इससे कारोबार करने में अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है. खुले पैसे नहीं होने के कारण कुछ ग्राहक कम पैसे देते हैं, तो कई ग्राहक एक या दो टॉफी लेने से इनकार कर देते हैं. इससे नुकसान हो रहा है. सिक्के की किल्लत ने दैनिक जीवन को प्रभावित किया है. ऑटो चालकों से लेकर छोटे-मोटे सामान बेचने वाले हॉकरों तक को सिक्के की किल्लत से परेशानी हो रही है.
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