मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर चंदवारा पुल के एप्रोच पथ निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई भूमि के रैयतों को मुआवजा भुगतान में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. इसकी मुख्य वजह रैयतों के पास आवश्यक कागजात का अभाव है. अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने रैयतों से इस संबंध में बात की है और उन्हें जल्द से जल्द जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है ताकि मुआवजे की प्रक्रिया आगे बढ़ सके. जानकारी के अनुसार, एप्रोच पथ के निर्माण के लिए 0.0125, 0.10 और 0.43 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है. जिला भू-अर्जन कार्यालय ने संबंधित रैयतों को नोटिस भी भेजे थे और एक शिविर का आयोजन भी किया गया था. इस शिविर में रैयतों द्वारा प्रस्तुत किए गए कागजात की जांच की गई. जांच के दौरान यह पाया गया कि खतियानी रैयतों से वर्तमान रैयतों के नाम पर जमाबंदी तो कायम है, लेकिन इसका आधार स्पष्ट नहीं हो सका. इसके अतिरिक्त, सभी खतियानी रैयतों के सहमति शपथ पत्र भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. इन कमियों के कारण, अर्जित भूमि के मुआवजे का भुगतान करने में दिक्कत आ रही है. अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने रैयतों से अविलंब इन कागजातों को उपलब्ध कराने का आग्रह किया है ताकि मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके.
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