मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सरकारी पोखरों और ”मन” (झीलों/तालाबों) के जीर्णोद्धार का कार्य जिम्मेदार पदाधिकारियों की सुस्त कार्यशैली के कारण बाधित हो रहा है. इस पर लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने सभी सहायक अभियंताओं और कनीय अभियंताओं को तुरंत पोखरों और मन से संबंधित रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है, ताकि जीर्णोद्धार का काम जल्द से जल्द शुरू किया जा सके. बताया गया कि इन जलाशयों के जीर्णोद्धार के लिए संबंधित अंचल कार्यालयों से योजनाओं का खाता, खेसरा और रकबा (क्षेत्रफल) प्राप्त कर रिपोर्ट भेजने को कहा गया था, लेकिन अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. डीएम ने भी 13 जून को एक बैठक में खाता, खेसरा और रकबा प्राप्त करने के लिए कहा था, इसके बावजूद इस दिशा में अब तक कोई काम नहीं हुआ है. कार्यपालक अभियंता ने सभी संबंधित अधिकारियों को तुरंत अंचल कार्यालयों से समन्वय स्थापित कर यह जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दिया है. उन्होंने यह भी कहा है कि रिपोर्ट तैयार करते समय पांच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले सरकारी पोखर और मन का चयन किया जाना है. इस लापरवाही के कारण महत्वपूर्ण जल संरक्षण और संवर्धन का कार्य प्रभावित हो रहा है, जिससे भविष्य में जल संकट की स्थिति और गंभीर हो सकती है.
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