साईं प्रसाद ग्रुप के फर्जीवाड़े पर वित्त विभाग सख्त
14 जून को है सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई की तिथिमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
आकर्षक स्कीमों के नाम पर अवैध तरीके से धन उगाही करने व निवेश के जरिये अरबों के कथित फर्जीवाड़े में संलिप्त साईं प्रसाद ग्रुप ऑफ कंपनीज की मुश्किलें बढ़ती दिखती हैं. कंपनी की बिहार स्थित चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा खंगाला जा रहा है. इस कंपनी के विरुद्ध देश के कई राज्यों में पहले ही प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है और यह बड़ा फर्जीवाड़ा वर्ष 2015 में उजागर हुआ था. तभी से कंपनी की संपत्तियों का पता लगाकर उन्हें कुर्क करने की कार्रवाई विभिन्न स्तरों पर चल रही है. इसी जांच की कड़ी में बिहार के भी कई जिलों में साईं प्रसाद ग्रुप की परिसंपत्तियों के होने की पुख्ता जानकारी मिली है.रिपोर्ट कोर्ट में होगी प्रस्तुत
इस सूचना के आलोक में, राज्य के वित्त विभाग के निदेशक ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर अपने-अपने जिलों में कंपनी की संपत्तियों का पता लगाने व उनका संपूर्ण विवरण जल्द देने काे कहा है. सूत्रों के अनुसार, इस मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 14 जून को सर्वोच्च न्यायालय में इस प्रकरण पर सुनवाई की तिथि निर्धारित है. सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पूर्व ही कंपनी से जुड़ी सभी प्रकार की चल-अचल संपत्तियों का सटीक पता लगाकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी है, ताकि उसे अग्रसारित किया जा सके और कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके. इस उच्चस्तरीय निर्देश के अनुपालन में जिला स्तर पर भी कार्रवाई तेज कर दी गयी है.जमीन, भवन या बैंक खाते सब पर है नजर
एक जिले में वरीय उप समाहर्ता (जिला विधि प्रशाखा) ने इस संबंध में वरीय उप समाहर्ता (जिला बैंकिंग कोषांग) को मामले की वस्तुस्थिति से अवगत कराया है. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि जिले में साईं प्रसाद ग्रुप ऑफ कंपनीज से जुड़ी किसी भी प्रकार की संपत्ति – चाहे वह जमीन हो, भवन हो, बैंक खाते हों या अन्य कोई वित्तीय संपत्ति – मौजूद है, तो उसका पूरा ब्योरा तत्काल उपलब्ध कराया जाये. इसके लिए विभिन्न बैंकों से भी संपर्क स्थापित कर कंपनी से संबंधित लेन-देन और संपत्तियों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है