उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
अब बाजार में 25 किलो के चावल के बैग की बिक्री नहीं होती. एक से 25 किलो तक के चावल के पैकेट पर पांच फीसदी जीएसटी लगने के बाद से शहर के चावल मंडी से 25 किलो के चावल का बैग बाहर हो गया है. अब विभिन्न कंपनियां 26 व 50 किलो के चावल के बोरे बाजार में भेज रही हैं. इससे उन्हें इस एवज में सरकार को टैक्स नहीं देना पड़ रहा है और ग्राहकों को भी फायदा हो रहा है. इसे ऐसे समझें कि एक किलो चावल की कीमत यदि 50 रुपये है तो 25 किलो चावल की कीमत 1250 रुपये होगी और उस पर पांच फीसदी जीएसटी मिला कर ग्राहकों को 1312.50 रुपये देने होंगे.
यदि ग्राहक ने 26 किलो चावल का बोरा खरीदा तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा. इस लिहाज से ग्राहकों को 26 किलो चावल की कीमत 1300 रुपये देनी होगी. ग्राहकों को 62.50 रुपये की बचत होगी. यही कारण है कि चावल मंडी में अब 25 किलो के चावल के बैग की सप्लाई नहीं हो रही है. जीएसटी के नियम के कारण कंपनियों ने 25 किलो का चावल बैग बाजार में भेजना बंद कर दिया है. अनाज मंडी के होलसेल दुकानदारों का कहना है कि अब ग्राहक भी 26 किलो के चावल बैग की ही मांग करते हैं. इससे हमलोग को भी रिटर्न से मुक्ति रहती है और ग्राहकों को भी टैक्स नहीं चुकाना पड़ता. चावल व्यवसायी प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी के नियमों का सरलीकरण होना चाहिये. कुछ नियम ऐसे हैं, जिसका कोई मतलब नहीं है. इससे सरकार को फायदा के बजाय घाटा ही होता है. ऐसे भी अनाज पर जीएसटी नहीं लगना चाहिये.
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पैकेट बंद खाने-पीने की चीजें व चावल पर जीएसटी निर्धारित है. अगर एक किलो के चावल का पैकेट खरीदते हैं तो उस पर जीएसटी देना है, लेकिन बैग खोल कर चावल बेचा जा रहा है तो उस पर जीएसटी नहीं है. 25 किलो तक के चावल के बैग पर जीएसटी देना होगा. यही कारण है कि बाजार में अब 26 किलो के चावल के बैग की सप्लाई हो रही है. – प्रदीप कुमार वर्मा, अध्यक्ष, टैक्सेशन बार एसोसिएशन
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