वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बिजली कंपनी लाख दावा पेश करे लेकिन गर्मी बढ़ने पर बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो जाती है. शहरी क्षेत्र में कुछ खास वीआइपी इलाके को छोड़ दे तो यहां भी चारों ओर बिजली की आवाजाही खूब लगी रहती है. हर घंटे से दो घंटे के बीच में बिजली का कटना तय है. वहीं आंधी पानी का मौसम है हल्की सी हवा तेज चली नहीं की बिजली गुल हो जाती है. जिस तरह हर साल बिजली का लोड बढ़ता जा रहा है उस अनुपात में बिजली के आपूर्ति ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता नहीं बढ़ी है. नतीजा थोड़ा भी ट्रांसफॉर्मर पर लोड बढ़ता है फ्यूज उड़ने की शिकायत बढ़ जाती है. बिजली का लोड करीब तीन सौ मेगावाट को पार कर चुका है, उसी तरह फॉल्ट भी काफी बढ़े है. वहीं ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति की स्थिति बीते एक सप्ताह से बहुत ही खराब है. एक बार आंधी आने पर 24 से 48 घंटे के लिए बिजली गुल हो जाती है. अभी जिले के पश्चिमी ग्रामीण इलाके इसमें मोतीपुर, कांटी, बरूराज, साहेबगंज, पारू आदि में बिजली आपूर्ति की बहुत ही खराब स्थिति है. थोड़ी देर के लिए बिजली आती है और घंटों के लिए गायब हो जाती है. ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति की यह स्थिति है उपभोक्ताओं के घरों में रखे इनवर्टर तक जवाब दे चुके है. आंधी पानी में कई बार समस्या यह होती है कि लोगों को मोबाइल रिचार्ज कराने के लिए बिजली उपलब्ध नहीं हो पाती है. ग्रामीण इलाकों में पेड़ गिरने और बांस लभने से बिजली आपूर्ति प्रभावित होती है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस आंधी पानी के मौसम शुरू होने से पहले मेंटेनेंस का काम क्यों नहीं किया जाता है.
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