क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त आलोक कुमार ने दी जानकारी उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को गति देने की दिशा में रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना इएल आइ को मंजूरी प्रदान की गयी है. यह योजना विनिर्माण सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों में रोजगार क्षमता को बढ़ाने, कार्यबल और सामाजिक सुरक्षा कवरेज को विस्तारित करने हेतु एक क्रांतिकारी पहल है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि इएलआइ योजना को ”मेक इन इंडिया, पीएल-आइ और राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन जैसी पहलों के पूरक के रूप में विकसित किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि उत्पादन, श्रम, सामग्री, पूंजी और कौशल को प्रोत्साहित किया जाये. यह योजना नियोक्ताओं के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है और यह विश्वास व्यक्त किया जा रहा है कि बड़ी कंपनियों से लेकर लघु और मध्यम उद्योगों ( तक सभी संस्थाएं, विशेषकर विनिर्माण क्षेत्र में, औपचारिक क्षेत्र में अधिकाधिक नये कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी. योजना को दो भागों में विभाजित किया गया है. भाग ए पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिये है, जिसके अंतर्गत इपीएफओ के साथ पंजीकृत कर्मचारियों को दो किस्तों में 15 हजार तक का एक महीने का वेतन प्रोत्साहन मिलेगा. पहली किस्त छह माह की सेवा पूर्ण होने के बाद और दूसरी किस्त 12 माह की सेवा के बाद मिलेगी. इस प्रोत्साहन का ए भाग एक निर्धारित अवधि के लिए बचत साधन के रूप में जमा किया जायेगा, जिससे युवाओं में बचत आदत को भी बढ़ावा मिलेगी. भाग बी नियोक्ताओं के लिए है, जिसमें सभी क्षेत्रों में, विशेषकर विनिर्माण क्षेत्र में, अतिरिक्त रोजगार सुरक्षा को प्रोत्साहित किया जायेगा. नियोक्ताओं को एक लाख तक के मासिक वेतन वाले नये कर्मचारियों को प्रत्येक कर्मचारी पर तीन हजार प्रति माह तक का प्रोत्साहन दिया जायेगा़
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