Exclusive: देवेश कुमार/ मुजफ्फरपुर शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी और उनके हमलों से उत्पन्न खतरे को देखते हुए नगर निगम ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में कुत्तों की नसबंदी और एंटी-रेबीज टीकाकरण के लिए एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह कदम शहर में कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने और रेबीज के खतरे को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
शहर में दहशत का माहौल
मुजफ्फरपुर में आवारा कुत्तों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. प्रतिदिन 100 से अधिक लोग कुत्तों के काटने का शिकार हो रहे हैं, जिनमें बच्चे विशेष रूप से असुरक्षित हैं. बच्चों का अकेले स्कूल आना-जाना मुश्किल हो गया है. पूर्व में, कुत्तों के हमलों में बच्चों के गंभीर रूप से घायल होने और यहां तक कि जान गंवाने की घटनाएं भी हुई हैं. मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर निकलने वाले लोगों के लिए भी आवारा कुत्ते चिंता का विषय बन गए हैं.
नगर निगम का प्रयास
नगर निगम पहले भी इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास कर चुका है, लेकिन तकनीकी कारणों से एजेंसी का चयन नहीं हो पाया. जनवरी 2023 में भी निगम बोर्ड और सशक्त स्थाई समिति द्वारा कुत्तों को पकड़ने और उनके नसबंदी करने के लिए एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था़. नगर निगम द्वारा इस समस्या के समाधान को कई कदम उठाने की बात कही गई, लेकिन सभी प्रयास कागजों तक सीमित रह गए. डॉग कैचर वाहन बहलखाना में जंग खा रहा है. कुत्ता पकड़ने के लिए प्रशिक्षित मानव बल की कमी पर कोई पहल नहीं दिख रही़
सितंबर में तीन बच्चों पर किया था हमला
पिछले सितंबर में, बोचहां के साहू पट्टी मैदापुर गांव में कुत्तों के एक झुंड ने स्कूल जा रहे तीन बच्चों पर हमला कर दिया था, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. एक बच्चे की पीठ को कुत्तों ने बुरी तरह नोंच दिया था, जबकि दूसरे बच्चे के सिर और कान पर भी गंभीर चोटें आई थीं. तीनों बच्चों का इलाज एसकेएमसीएच के सुपर स्पेशलिटी वार्ड में किया गया था.
मॉर्निंग व इवनिंग वॉक पर निकलने वालों की बढ़ी चिंता
शहर की सड़कों और खुले मैदानों में मॉर्निंग और इवनिंग वॉक करने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है. घर से निकलते ही परिवार के सदस्य चिंतित हो जाते हैं. शहर के लगभग सभी गली-मोहल्लों और सड़कों पर बड़ी संख्या में आवारा जानवर घूमते रहते हैं. जिला स्कूल का मैदान हो या एलएस और आरडीएस कॉलेज, हर जगह आवारा जानवरों का आतंक है.
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