मुजफ्फरपुर.
अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पानी टंकी चौक के पास कार्यक्रम का आयोजन हुआ. मुख्य वक्ता डॉ सुभाष चंद्रा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1958 में अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस की घोषणा की गयी थी. इस दिन हम उनलोगों को याद करते हैं जिन्होंने हमारी जिंदगी को बिना शर्त खूबसूरत बनाया है. डॉ ललन तिवारी ने कहा कि मित्रता न तो खून का रिश्ता है और न ही स्वार्थ का. एक-दूसरे के जीवन को संवारने का यह सबसे अच्छा रिश्ता है.योग शिक्षक मनीष कुमार ने कहा कि पहले ग्रीटिंग कार्ड व फ्रेंडशिप बैंड के द्वारा मित्रता दिवस मनाया जाता था. आज इंटरनेट से मनाया जा रहा है. पायल सिन्हा ने कहा कि दोस्त वह होता है, जिससे खुल कर बात की जा सके. समाजसेवी एचएल गुप्ता ने कहा कि मित्रता जाति, रंग व धर्म से ऊपर है. धन्यवाद ज्ञापन डॉ फणीश चंद्र ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है