मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर जनकल्याणकारी नीतियों के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ महिलाओं की छोटी-छोटी समस्याओं के निराकरण के लिए एक अनूठी पहल चल रही है. ”महिला संवाद” कार्यक्रम के तहत जिले में अब तक 1200 स्थानों पर आयोजन किए जा चुके हैं, जिनमें लगभग ढाई लाख महिलाओं ने अपनी बात रखी है. इन संवादों में पेंशन, शौचालय, आवास और आंगनबाड़ी जैसी बुनियादी समस्याओं को प्रमुखता से दर्ज कर संबंधित विभागों को भेजा जा रहा है. जिले के विभिन्न प्रखंडों में आयोजित इन महिला संवाद कार्यक्रमों में अलग-अलग ग्राम संगठनों की महिलाओं से उनकी आकांक्षाएं जानी जा रही हैं. दिलचस्प बात यह है कि अधिकतर अपेक्षाएं ग्रामीण जीवन से जुड़े मुद्दों पर ही केंद्रित हैं. गांवों में बैंक, सड़क, सोलर लाइट, सोखता , नल जल योजना का सुदृढ़ीकरण, पुस्तकालय, विवाह भवन, सामुदायिक भवन, जीविका भवन और महिला सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग प्रमुख है. बोचहा प्रखंड के देवगन पंचायत के आदर्श जीविका महिला ग्राम संगठन में आयोजित एक ऐसे ही संवाद में ग्राम संगठन की कुंती देवी ने जीविका से जुड़ने के बाद आए सकारात्मक बदलावों को साझा किया. उन्होंने कहा कि अब उन्हें लोन के लिए साहूकारों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते, बल्कि जीविका से लोन लेकर वे अपनी छोटी-मोटी जरूरतों जैसे किराना दुकान, पशुपालन और खेती-किसानी को पूरा कर पा रही हैं. उन्होंने गांव में सड़क, स्कूल और शौचालय जैसी सुविधाओं की उपलब्धता पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि भले ही वे स्वयं शिक्षित न हों, लेकिन वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला रही हैं. सुरक्षा के मुद्दे पर भी महिलाओं ने खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि गांवों में कुछ स्थान ऐसे हैं जहां महिलाओं के साथ छेड़छाड़, चोरी और छींटाकशी जैसी घटनाएं होती रहती हैं. इन असुरक्षित स्थानों पर पुलिस और महिला पुलिस की तैनाती की मांग उन्होंने की. इसके अतिरिक्त, उपस्थित महिलाओं ने गांव में खेल मैदान और पंचायत स्तर पर बच्चों की पढ़ाई के लिए आवासीय विद्यालय खोलने की भी मांग रखी, साथ ही बिजली बिल माफी की भी अपेक्षा जताई.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है