मुजफ्फरपुर. जिले के पीएचसी व सीएचसी में बेहतर जांच और इलाज के लिए पहुंच रही गर्भवतियों को सप्ताह भर से एचआइवी जांच के लिए चक्कर काटना पड़ रहा है. अस्पताल में जांच के लिए काफी देर इंतजार करना पड़ता है. मजबूरी में कई गर्भवती निजी केंद्रों पर जांच कराने के लिए पहुंच रही हैं. यहां उन्हें एचआईवी जांच के लिए ढाई से तीन सौ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन करीब 20 से 30 और महीने में एक हजार से ज्यादा गर्भवती की एचआईवी जांच होती है. पीएचसी व सीएचसी में सात दिन से किट खत्म होने की वजह से गर्भवतियों को एमसीएच रेफर किया जा रहा है. सोमवार को ओपीडी में करीब पचार महिलाएं स्वास्थ्य परामर्श के लिए पहुंची थीं. किट न होने की बात कहने पर उन्हें एमसीएच में टेस्ट कराना पड़ा. पीएचसी प्रभारी के मुताबिक, एचआईवी किट के लिए मांगपत्र सप्ताह भर पहले ही भेज दिया गया था. किट उपलब्ध न होने से जांच प्रभावित रही हैं. हालांकि, एमसीएच में जांच हो रही है, किट जल्द उपलब्ध हो जाएगी तो जांच भी शुरु हो जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है