वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
आइआइटी पटना के छात्रों ने मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड और नगर निगम मुजफ्फरपुर के साथ मिलकर 50-दिवसीय इंटर्नशिप पूरी की है. इंटर्नशिप का उद्देश्य छात्रों को जमीनी स्तर पर नगर प्रशासन के साथ जोड़कर शहरी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए तकनीकी, डिजिटल और डेटा-आधारित समाधान तैयार करना था.छात्रों ने अलग-अलग क्षेत्रों में काम किया और कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए. नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने छात्रों के इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ये नवाचार शहर की सेवा प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाएंगे. मेयर निर्मला साहू ने इसे मुजफ्फरपुर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि यह भविष्य में शहर को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है.एआई-आधारित कचरा पहचान प्रणाली
अंकित आजाद, सत्यम कुमार और रुचिका पांडेय की टीम ने एक ऐसी प्रणाली तैयार की जो मोबाइल ऐप के ज़रिए कचरे की पहचान और वर्गीकरण करती है. यह सफाई कार्यों की निगरानी और प्राथमिकताओं को तय करने में भी मदद करेगी.डिजिटल इन्वेंट्री सिस्टम:
श्याम और शाह मोहम्मद की टीम ने संसाधनों की ट्रैकिंग के लिए क्यूआर कोड-आधारित सिस्टम बनाया है, जिससे सेवाओं में पारदर्शिता और गति आएगी.स्मार्ट स्ट्रीटलाइट और पीएमएवाई (यू)
मॉनिटरिंग
: इंद्रन सालुंखे ने जीपीएस मॉड्यूल और वेब ऐप का उपयोग करके स्ट्रीटलाइट की निगरानी और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए एक सिस्टम विकसित किया.शिकायत प्रबंधन पोर्टल:
राहुल कुमार ने एक ऐसा पोर्टल बनाया है जो शिकायतों को ट्रैक करता है, दोबारा खोलने की सुविधा देता है और डैशबोर्ड व रिपोर्टिंग के ज़रिए विभागीय मूल्यांकन में मदद करता है.सावनी मेला ऐप:
राहुल कुमार ने ही सावनी मेले के लिए एक ऐप बनाया, जिसमें लाइव दर्शन, वर्चुअल पूजा, क्विज और यात्रियों के लिए डिजिटल समाधान जैसी सुविधाएं शामिल हैं.सार्वजनिक शौचालय डिजाइन:
सुमित सुहान ने CAD SketchUp का उपयोग करके समावेशी डिजाइन और सटीक बजट के साथ सार्वजनिक शौचालयों के लिए एक योजना प्रस्तुत की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है