नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से निशुल्क शिक्षा स्टडी मटेरियल और ऑनलाइन क्लास का नहीं लिया जा रहा शुल्क किसी भी वर्ग तक पढ़ाई करने वाली दीदियों को नामांकन की सुविधा उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपर जिले की तीन हजार से अधिक जीविका दीदियां अगले वर्ष मैट्रिक की परीक्षा देंगी. नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिंग से यह सुविधा मिली है. इसके तहत दीदियों को स्टडी मैटेरियल और ऑनलाइन क्लास की सुविधा मिलेगी. यह महत्वपूर्ण अवसर उन्हें प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा संचालित सेकंड चांस प्रोग्राम के तहत मिल रहा है. यह उन महिलाओं के लिए आशा की किरण बनकर आयी है, जिनकी पढ़ाई किसी कारणवश अधूरी रह गयी थी. इस कार्यक्रम के तहत दीदियों को न केवल परीक्षा का पाठ्यक्रम और अध्ययन सामग्री निशुल्क मिलेगी, बल्कि उन्हें अनुभवी शिक्षकों से हर विषय की बारीकियों को समझने का मौका भी मिलेगा. असाइनमेंट, प्रैक्टिकल और परीक्षा में उन्हें पूरा सहयोग प्रदान किया जायेगा. उनके लिए रिकॉर्डेड क्लास की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिससे वे अपनी सुविधानुसार पढ़ाई कर सकेंगी. पांच वर्षों तक वैध रहेगा निबंधन, नौ बार दे सकेंगी परीक्षा नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिंग से निबंधन कराने पर यह पांच वर्षों तक वैध रहेगा. दीदियां अगर फेल भी करेंगी तो नौ बार तक वह परीक्षा दे सकती हैं. परीक्षा का निबंधन शुल्क 1890 रुपये निर्धारित किया गया है. इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी महिला जो अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती है, उसे हर संभव सहायता मिले. शैक्षणिक सहायता के साथ कंप्यूटर बेसिक्स, जीवन कौशल और कॅरियर प्लानिंग पर भी विशेष सत्रों का भी आयोजन किया जायेगा. यह सत्र दीदियों को न केवल शैक्षिक, बल्कि व्यावसायिक रूप से भी दीदियों को सशक्त बनायेगा. वर्जन यह कार्यक्रम उन महिलाओं के लिए एक बड़ी सुविधा है जो नियमित रूप से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पायी हैं. यह पहल न केवल उन्हें शैक्षिक रूप से सशक्त करेगी, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ायेगी और उनके लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगी. दीदियों का मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होना, महिला शिक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
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