मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
मोतीपुर में प्रस्तावित अनुमंडलीय (पश्चिमी) व्यवहार न्यायालय के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. अधिग्रहण की जाने वाली भूमि के लिए दर निर्धारण कर दिया गया है, और जिला अवर निबंधक ने इसकी विस्तृत एमवीआर (मिनिमम वैल्यू रेट) रिपोर्ट जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को सौंप दी है. अब इसी निर्धारित दर के आधार पर रैयतों को मुआवजा भुगतान किया जाएगा.यह जानकारी देते हुए बताया गया कि अब आगे की समस्त प्रक्रिया जिला भू-अर्जन कार्यालय द्वारा पूरी की जाएगी. इसके तहत मोतीपुर प्रखंड के मौजा रतनपुरा में 5.89 एकड़ निजी भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है. रैयतों के सभी आवश्यक कागजातों का सत्यापन करने के बाद, शिविर लगाकर मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.व्यावसायिक, आवासीय और कृषि भूमि का अलग-अलग दर निर्धारण
जिला अवर निबंधक कार्यालय ने मौजा रतनपुरा में पिछले तीन वर्षों में हुई जमीन की खरीद-बिक्री के आंकड़ों का गहन विश्लेषण कर दरों को अंतिम रूप दिया है. इस निर्धारण में व्यवसायिक, आवासीय, विकासशील, दो फसला और एक फसला भूमि के लिए अलग-अलग दरें तय की गई हैं, ताकि किसी भी रैयत को मुआवजा प्राप्त करने में किसी प्रकार की असुविधा न हो.इस भूमि अधिग्रहण पर करीब नौ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस राशि के आवंटन की प्रशासनिक स्वीकृति पूर्व में ही प्रदान की जा चुकी है.हाल ही में, मोतीपुर अंचल कार्यालय में रैयतों के साथ जनसुनवाई का आयोजन भी किया गया था, जिसमें सभी रैयतों ने इस परियोजना के लिए अपनी सहमति प्रदान की थी. मोतीपुर में व्यवहार न्यायालय के साथ-साथ न्यायिक आवासीय भवनों का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र एक महत्वपूर्ण न्यायिक केंद्र के रूप में विकसित होगा.
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