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उत्तर बिहार से प्रतिदिन सुल्तानगंज के लिए 4000 अधिक गाड़ियां हो रही रवाना

More than 4000 trains are leaving for Sultanganj

– प्रतिदिन करीब ढाई सौ से तीन सौ बस और करीब चार से अधिक चौपहिया वाहन

– बस में एक यात्री का किराया चार सौ रुपये, दोपहर से शाम तक खुलती बसें

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

श्रावणी मेले में बाबाधाम सुल्तानगंज जाने वाले कांवरियों का उत्साह चरम पर है. उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों से प्रतिदिन चार हजार से अधिक छोटी और बड़ी गाड़ियां सुल्तानगंज के लिए रवाना हो रही हैं. इन वाहनों में करीब ढाई सौ से तीन सौ बसें शामिल हैं, जबकि चार हजार के आसपास छोटे चौपहिया वाहन भी जा रहे हैं.

मुजफ्फरपुर के साथ-साथ बगहा, बेतिया, मोतिहारी, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, वैशाली, छपरा और सिवान जैसे दूरदराज के जिलों से भी कांवरिया सुल्तानगंज का रुख कर रहे हैं. बसों में एक यात्री का किराया चार सौ रुपये तय किया गया है. मुजफ्फरपुर के बैरिया बस स्टैंड से करीब एक दर्जन बसें नियमित रूप से खुल रही हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों से निजी बुकिंग का बढ़ा चलन

ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ के कारण अब अधिकांश बसें बस स्टैंड के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों से निजी बुकिंग के जरिए रवाना हो रही हैं. गांवों में कांवरियों के समूह मिलकर बसें बुक कर रहे हैं और सीधे सुल्तानगंज के लिए निकल रहे हैं. इन बसों में कांवरियों का झुंड अपने खाने-पीने के पूरे सामान के साथ यात्रा कर रहा है, जिससे उन्हें रास्ते में किसी तरह की परेशानी न हो.

छोटे वाहनों व पिकअप की बंपर बुकिंग, ”दो मंजिला” हो रही गाड़ियां

छोटी गाड़ियों जैसे बोलेरो, स्कॉर्पियो और कारों की बुकिंग भी जबरदस्त है. एक जीप माडल गाड़ी में 10 से 12 कांवरिया सवार होकर जा रहे हैं, तो वहीं छोटी कारों में भी पांच से छह कांवरिया अपनी यात्रा कर रहे हैं. इसके साथ ही, बोलेरो पिकअप की भी खूब बुकिंग हो रही है. कांवरिया इन पिकअप के पिछले हिस्से पर बांस और पटरा लगाकर उसे ”दो मंजिला” का रूप दे देते हैं. नीचे गद्दा बिछाकर आराम से उसमें 15 से 20 कांवरियों का झुंड एक साथ निकल रहा है, जो श्रद्धालुओं के उत्साह और सुविधाओं के प्रति उनके जुगाड़ को दर्शाता है.

भगवामय सड़कें और जाम की चुनौती

वाहनों की यह भारी संख्या ऐसी है कि समस्तीपुर से बरौनी रोड पर अधिकांश गाड़ियों में भगवा रंग की पूरी छाया दिख रही है, मानो पूरी सड़क ही केसरिया हो गई हो. हालांकि, इस मार्ग पर जहां राष्ट्रीय राजमार्ग की चौड़ाई कम है और क्रासिंग हैं, वहां लंबा जाम भी लगने लगा है, जिससे श्रद्धालुओं को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अधिकांश गाड़ियां दोपहर से लेकर देर शाम तक रवाना हो रही हैं. इन गाड़ियों से जाने के पीछे कांवरियों का मकसद है कि वे सुबह ब्रह्म मुहूर्त में (सुबह 3 से 5 बजे के बीच) जल उठाकर बाबाधाम से आगे निकल सकें.

मोटर फेडरेशन के प्रवक्ता कामेश्वर महतो ने बताया कि प्रतिदिन बैरिया बस स्टैंड से करीब एक दर्जन वाहन सुल्तानगंज के लिए रवाना हो रहे हैं, लेकिन अधिकांश श्रद्धालु बसों की निजी बुकिंग अपने ग्रामीण इलाकों से कराकर सीधे यात्रा पर निकल रहे हैं.

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