Muzaffarpur, देवेश कुमार: राजधानी पटना के बाद अब मुजफ्फरपुर रियल एस्टेट के कारोबार में तेजी से नये शिखर को छू रहा है. जिले में रियल एस्टेट का कारोबार अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार को पटना के बाद सबसे अधिक राजस्व मुजफ्फरपुर से ही प्राप्त हुआ है. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा मुजफ्फरपुर जिले के लिए 430.35 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके मुकाबले रजिस्ट्री ऑफिस ने 435.59 करोड़ रुपये की शानदार वसूली की है. यह वसूली का आंकड़ा राजधानी पटना के बाद पूरे राज्य में दूसरे स्थान पर है.
जानकारों की राय
जानकारों के अनुसार, स्मार्ट सिटी के विकास के साथ-साथ मुजफ्फरपुर में ”ग्रीनफील्ड टाउनशिप” की योजना ने जिले के रियल एस्टेट कारोबार को जबर्दस्त उछाल दिया है. वर्तमान में मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र से सटे आयोजना क्षेत्र (पेरिफेरल एरिया) में जमीन की खरीद-बिक्री सबसे अधिक हो रही है. जमीन के प्लॉटों के साथ-साथ नये अपार्टमेंटों में बने फ्लैट भी खूब बिक रहे हैं.
औद्योगिक विकास का केंद्र और रियल एस्टेट का हॉटस्पॉट बना मोतीपुर
जिले के पश्चिमी क्षेत्र मोतीपुर को सरकार एक बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित कर रही है. यहां इथेनॉल के चार बड़े प्लांट लगाए गये हैं और कई अन्य कारखाने भी स्थापित होने की प्रक्रिया में हैं. इसका सीधा लाभ रजिस्ट्री ऑफिस को मिल रहा है. मोतीपुर से सटे इलाकों में जमीन की खरीद-बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. मोतीपुर रजिस्ट्री ऑफिस में प्रतिदिन औसतन 75 से 100 जमीन के प्लॉटों की रजिस्ट्री हो रही है, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी है. मोतीपुर रजिस्ट्री ऑफिस का वार्षिक लक्ष्य 51.76 करोड़ रुपये तय था. इसके अनुपात में 62.55 करोड़ रुपये की वसूल की गयी है, जो तय लक्ष्य का 120 प्रतिशत से अधिक की राशि है.
सात नगर पंचायत और तीन नगर परिषद के उत्क्रमित होने से मिला और बढ़ावा
वर्ष 2022 में सरकार ने पंचायत क्षेत्रों में शामिल सात पंचायतों के दर्जनों गांवों को नगर पंचायत में शामिल किया है. नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद इन क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं के विकास का कार्य तेजी से चल रहा है. इसका सकारात्मक प्रभाव रजिस्ट्री ऑफिस पर भी दिख रहा है. जिन क्षेत्रों को नगर पंचायत घोषित किया गया है. वहां जमीन की खरीद-बिक्री में तेजी आयी है. इनमें शहर से सटे कुढ़नी प्रखंड के माधोपुर सुस्ता, तुर्की, मीनापुर, सरैया, सकरा, मुरौल और बरूराज जैसे महत्वपूर्ण इलाके शामिल हैं. वहीं, पहले से नगर पंचायत के रूप में कार्यरत कांटी, मोतीपुर और साहेबगंज को नगर परिषद में उत्क्रमित किया गया है, जिससे इन क्षेत्रों में भी रियल एस्टेट की गतिविधियों को और बढ़ावा मिला है.
वित्तीय वर्ष 2024-25 में हुई वसूली का आंकड़ा
ऑफिस प्राप्त राजस्व (करोड़ रुपये)
मुजफ्फरपुर 264.38
पारू 51.96
कटरा 32.89
सकरा 23.81
मोतीपुर 62.55
इसे भी पढ़ें: बिहार के 25 जिलों में 13 और 14 अप्रैल को होगी भयंकर बारिश, IMD ने मेघगर्जन पर भी जारी किया येलो अलर्ट
क्या बोले जिला अवर निबंधक
मुजफ्फरपुर जिला अवर निबंधक मनीष कुमार ने कहा कि जिले में जमीन की खरीद-बिक्री की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. इस कारण बिना एमवीआर बढ़े सरकार से तय लक्ष्य काे जिला पार कर गया है. राजस्व वसूली में मुजफ्फरपुर राजधानी पटना के बाद दूसरे नंबर का जिला बन गया है. इसका मुख्य कारण शहर से सटे इलाकों का तेजी से शहरीकरण होना है. शहर के बाहरी क्षेत्रों के अलावा मोतीपुर और वैशाली से सटे पारू, साहेबगंज और सरैया इलाकों में भी रजिस्ट्री बढ़ी है. इनमें व्यावसायिक के साथ-साथ आवासीय प्लॉटों की खरीद-बिक्री सबसे अधिक हो रही है.
बिहार की ताजा खबरों के लिए क्लिक करें