Muzaffarpur Smart City: मुजफ्फरपुर शहर की सबसे बड़ी आधारभूत परियोजनाओं में शुमार स्मार्ट सिटी के तहत चल रही भूमिगत जल निकासी एवं सीवरेज व्यवस्था का काम लगातार लटकता जा रहा है. इस अहम प्रोजेक्ट की सुस्ती पर अब नगर प्रशासन ने सख्त तेवर दिखाए हैं.
नगर आयुक्त सह स्मार्ट सिटी परियोजना के प्रबंध निदेशक विक्रम विरकर ने निर्माण एजेंसी पर अब तक 53.45 लाख का अनुबंधित हर्जाना (LD) और अतिरिक्त 12 लाख का जुर्माना लगाया है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि शहर के विकास कार्यों में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अगर देरी जारी रही, तो ठेका रद्द करने के साथ ब्लैकलिस्टिंग की भी कार्रवाई होगी.
3 हजार में ही हुआ सीवरेज कनेक्शन
इस योजना के अंतर्गत मुजफ्फरपुर के 10 हजार घरों को सीवरेज से जोड़ा जाना है, मगर अब तक महज 3 हजार घरों में ही कनेक्शन दिए जा सके हैं. शेष 7 हजार कनेक्शन और अधूरी पाइपलाइन बिछाने का काम अभी भी अधर में है.
नगर आयुक्त ने एजेंसी को 31 अगस्त तक की अंतिम डेडलाइन देते हुए स्पष्ट किया है कि तय समय के भीतर कार्य पूरा नहीं हुआ तो सख्त एक्शन लिया जाएगा.
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की साख दांव पर
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य था कि शहर को जलजमाव, गंदगी और सीवरेज जैसी समस्याओं से राहत दी जा सके, जिससे स्वच्छता और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो. मगर काम में लगातार ढिलाई और समय पर कार्य नहीं होने से शहरवासी नाराज हैं और मानसून के दौरान जलभराव की समस्या और बढ़ गई है.
प्रशासन का कहना है कि ठेकेदारों को केवल पैसे नहीं मिलते, बल्कि जवाबदेही भी जरूरी है. आगे से अनुशासनहीनता या कार्य में कोताही को सीधे ब्लैकलिस्टिंग और कानूनी कार्रवाई के रूप में लिया जाएगा.
निगरानी और जवाबदेही की रणनीति पर जोर
प्रशासन ने सभी कार्य एजेंसियों को अल्टीमेटम दिया है कि हर हफ्ते की प्रगति रिपोर्ट नगर निगम को देनी होगी और गुणवत्ता की जांच स्वतंत्र टीमों से कराई जाएगी. स्मार्ट सिटी के तहत अन्य कार्यों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है.