::: रजिस्ट्री के बाद मामले का खुलासा, नोटिस भेज नुकसान पहुंचाये गये करोड़ों की राशि की जुर्माना सहित होगी वसूली
::: मुजफ्फरपुर सहित प्रमंडल के सभी छह जिलों में बड़ी संख्या में लंबित है मामला, अधिकार में बदलाव के बाद तेज हुई कार्रवाई
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर सहित तिरहुत प्रमंडल के छह जिलों में जमीन रजिस्ट्री के दौरान किस्म में हेराफेरी कर राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने के मामलों में अब तेजी से कार्रवाई हो रही है. इस संबंध में प्रमंडलीय सहायक निबंधन महानिरीक्षक (एआइजी) को एक बार फिर से जांच और कार्रवाई का अधिकार सौंप दिया गया है, जिसके बाद लंबित मामलों के निबटारे के लिए नोटिस भेजने की प्रक्रिया युद्धस्तर पर शुरू हो गई है. तिरहुत प्रमंडल के अंतर्गत मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और वैशाली में राजस्व चोरी के 550 से अधिक मामले लंबित पड़े हैं. इन मामलों में जमीन की किस्म में बदलाव कर कम शुल्क पर रजिस्ट्री कराकर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया है.400 से अधिक को नोटिस, शेष की तैयारी
एआईजी कार्यालय द्वारा अब तक 400 से अधिक मामलों में जमीन क्रेताओं को नोटिस भेजा जा चुका है. शेष मामलों के लिए भी नोटिस तैयार किये जा रहे हैं, जिन्हें जल्द ही संबंधित व्यक्तियों तक पहुंचाया जायेगा. नोटिस मिलने के बाद, इन क्रेताओं को क्षति पहुंचाये गए राजस्व को जुर्माने सहित तत्काल निगम कोष में जमा करना होगा.
कानूनी प्रावधानों के तहत होगी कार्रवाई
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव द्वारा जारी संशोधित आदेश के बाद, एआईजी भारतीय मुद्रांक अधिनियम 1899 की धारा 47A(3) एवं 47A(7) के अधीन इन सभी मामलों में कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे. यह कदम राजस्व चोरी पर लगाम लगाने और सरकारी खजाने को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उठाया गया है, जिससे भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी को रोका जा सके.
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