वार्षिक रिटर्न दाखिल करने का दिया जा रहा निर्देश उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर जीएसटी विभाग के नोटिस अब तक सिर्फ निबंधित व्यवसायियों को आते थे, लेकिन अब विभाग ऐसे करदाताओं को भी नोटिस भेजना शुरू कर चुका है, जिन्होंने कई साल पहले अपने सभी रिटर्न दाखिल कर अपना जीएसटी रजिस्ट्रेशन सरेंडर कर दिया है. इसी प्रकार कुछ नोटिस पिछले सप्ताह भी विभाग ने भेजा है. यह नोटिस कंपोजीशन डीलर्स के श्रेणी में आने वाले करदाताओं को भेजे गये हैं, जिसमें उन्हें जीएसटी आर चार भरने के लिए कहा जा रहा है. जीएसटी पोर्टल पर जिनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल नजर आ रहा है उन्हें भी धारा 46 के अंतर्गत नोटिस भेजे गये हैं. इससे करदाताओं और छोटे व्यापारी परेशान हैं. बहुत से करदाता अब अपने फाइलिंग स्टेटस को बार बार चेक कर रहे हैं. कई व्यापारियों को लग रहा है कि उनसे कोई गलती हो गई है, जिसके कारण उन्हें नोटिस आया है. टैक्सेशन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि कई पुराने कारोबारी उनके पास नोटिस लेकर आ रहे हैं. इस तरह का नोटिस केवल उन्हीं व्यापारियों को भेजा जाना चाहिए, जिन्होंने वास्तव में रिटर्न दाखिल नहीं किया हो. जीएसटी नेटवर्क की कार्य प्रणाली में यह चेक किया जाना चाहिए कि करदाता का रजिस्ट्रेशन एक्टिव है या रद्द किया जा चुका है. सरकार द्वारा डिजिटल टैक्स प्रणाली को आसान और पारदर्शी बनाने के उद्वेश्य से जीएसटी लागू किया गया था, लेकिन इस प्रकार की तकनीकी गड़बड़ियां व्यवसायियों और टैक्स प्रोफेशनल को भ्रमित कर रही है.
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