मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर साहेबगंज प्रखंड में 25 शिक्षकों के नियोजन (नियुक्ति) में नियमों की अनदेखी और अनियमितता बरतने के आरोप में तत्कालीन बीपीआरओ (प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी) पर अब विभागीय कार्रवाई शुरू होगी. पंचायती राज विभाग ने बीपीआरओ द्वारा सौंपे गए स्पष्टीकरण को असंतोषजनक पाते हुए उसे अस्वीकार कर दिया है, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है. क्या है पूरा मामला? यह मामला साहेबगंज प्रखंड का है, जहां 25 शिक्षकों की नियुक्ति में गंभीर अनियमितताएं सामने आई थीं. इन नियुक्तियों में तत्कालीन प्रखंड पंचायत पदाधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी, जिसके बाद उन्हें पहले ही निलंबित कर दिया गया था. निलंबन के बाद उनसे ”प्रपत्र क” गठित कर स्पष्टीकरण मांगा गया था. स्पष्टीकरण अस्वीकृत, आगे की कार्रवाई के निर्देश बीपीआरओ ने अपना स्पष्टीकरण विभाग को सौंपा, लेकिन पंचायती राज विभाग ने इसे संतोषजनक नहीं माना और उसे अस्वीकृत कर दिया. विभाग ने अब इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आगे की कार्रवाई का निर्देश दिया है. पंचायती राज विभाग के उप सचिव ने संयुक्त सचिव को इस विभागीय कार्यवाही के लिए संचालन पदाधिकारी और जिला पंचायती राज पदाधिकारी को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी के रूप में नामित किया है. निर्देशों के अनुसार, संचालन पदाधिकारी को अब इस मामले की विस्तृत जांच करनी होगी और स्पष्ट मंतव्य के साथ अपनी जांच रिपोर्ट विभाग को भेजनी होगी. इस कार्रवाई का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियमों का पालन हो, और अनियमितता बरतने वालों पर उचित कार्रवाई की जा सके.
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