::: 48 घंटे के भीतर डीएम को सौंपना है स्थलीय जांच रिपोर्ट, हर टीम में कार्यपालक अभियंता के अलावा सहायक अभियंता व अमीन शामिल
::: 39 योजनाओं की करनी है जांच, फिर डीएम देंगे प्रशासनिक स्वीकृति
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के तहत चयनित सड़क और नाला निर्माण की योजनाओं की जांच अब नगर निगम के साथ पथ निर्माण विभाग (आरसीडी) के अभियंता भी करेंगे. बुडको (बिहार अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के माध्यम से चयनित योजनाओं के एस्टीमेट बनाकर तकनीकी के बाद प्रशासनिक स्वीकृति के लिए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के समक्ष भेजा गया है. जिलाधिकारी ने प्रशासनिक स्वीकृति देने से पहले इन चयनित योजनाओं की स्थलीय जांच रिपोर्ट के लिए अलग-अलग चार टीमों का गठन किया है. ये टीमें शहर के वार्ड नंबर 01 से 49 तक में चयनित योजनाओं की जांच करेंगी. पहली टीम, नगर निगम के कार्यपालक अभियंता के नेतृत्व में गठित की गयी है, जो वार्ड नंबर 01 से 10 तक की योजनाओं की जांच करेगी. वहीं, दूसरी टीम का नेतृत्व आरसीडी वन के कार्यपालक अभियंता के करेंगे. इन्हें वार्ड नंबर 11 से 20 तक की जिम्मेदारी दी गयी है. तीसरी टीम का पथ निर्माण विभाग दो के कार्यपालक अभियंता इसका नेतृत्व करेंगे और इन्हें वार्ड नंबर 21 से 30 तक की जिम्मेदारी मिली है. चौथी टीम स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के कार्यपालक अभियंता के नेतृत्व में बनी है, जो वार्ड नंबर 31 से 39 तक की योजनाओं की जांच करेगी. गठित जांच टीमों को तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है. टीमों को यह जांच करनी है कि बुडको द्वारा चयनित और एस्टीमेट बनाई गई सड़कें वास्तव में जर्जर हैं और नाले निर्माण की आवश्यकता है या नहीं. साथ ही, यह भी सुनिश्चित करना है कि एस्टीमेट सही तरीके से बनाया गया है. बता दें कि कुल 39 योजनाओं की जांच की जिम्मेदारी चारों टीम को मिली है. जांच रिपोर्ट आने के बाद डीएम के स्तर से प्रशासनिक स्वीकृति मिलेगी. इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया बुडको अपने स्तर से करेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है