:: साइबर ठगों का नया पैंतरा संवाददाता, मुजफ्फरपुर क्या आपके फोन पर भी किसी अंजान नंबर से कॉल आया है, जिसमें सामने वाला खुद को अस्पताल में बताकर ””गलती से”” आपके यूपीआइ अकाउंट में पैसे भेजने का दावा कर रहा है? सावधान! यह साइबर ठगों का नया पैंतरा है, जिससे वे लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. फर्जी स्क्रीनशॉट दिखाकर ये अपराधी आपकी मेहनत की कमाई पर डाका डाल रहे हैं. ताजा मामला मुजफ्फरपुर के मोतीझील से सामने आया है, जहां एक कपड़ा व्यवसायी कृष्णा कुमार इसी जाल में फंसकर 22 हजार रुपये गंवा बैठे. कैसे देते हैं झांसा? साइबर ठग बेहद शातिर तरीके से अपनी बातों में फंसाते हैं. वे आपको कॉल कर बताते हैं कि उन्होंने गलती से आपके यूपीआइ (जैसे फोन पे, गूगल पे ) अकाउंट में बड़ी रकम ट्रांसफर कर दी है. विश्वास दिलाने के लिए वे तुरंत एक फर्जी स्क्रीनशॉट भी भेजते हैं, जिसमें लेनदेन की पुष्टि दिखती है. चूंकि वे अक्सर खुद को किसी अस्पताल में भर्ती बताते हैं और दवा या बिल भरने की अर्जेंसी दिखाते हैं, लोग अक्सर बिना सोचे-समझे उनकी बातों पर भरोसा कर लेते हैं. कृष्णा कुमार बने शिकार मोतीझील के कपड़ा व्यवसायी कृष्णा कुमार के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. शनिवार सुबह उनके मोबाइल पर एक अंजान नंबर से कॉल आया. फोन करने वाले ने खुद को अस्पताल में बताते हुए कहा कि उसने गलती से उनके फोन पे पर 25 हजार रुपये भेज दिए हैं और उसे दवा के लिए पैसों की तुरंत जरूरत है. जब कृष्णा कुमार ने विश्वास करने से पहले सबूत मांगा, तो ठग ने तुरंत एक फर्जी स्क्रीनशॉट भेज दिया, जिसमें 25 हजार के लेनदेन की पुष्टि दिख रही थी. कृष्णा कुमार उस समय अपने काम में व्यस्त थे और शायद ठग की बातों पर भरोसा कर बैठे. उन्होंने अपना अकाउंट चेक करने की कोशिश की लेकिन तकनीकी दिक्कत के कारण नहीं कर पाये. जल्दबाजी और ठग के झांसे में आकर उन्होंने बिना सोचे-समझे ठग द्वारा बताए गए अकाउंट में 22 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिये. जब हुआ गलती का एहसास कुछ देर बाद जब कृष्णा कुमार को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने अपना फोन पे बैलेंस चेक किया, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गयी. उनके खाते में कोई 25 हजार रुपये नहीं आए थे और उलटा उनके ही अकाउंट से 22 हजार रुपये की ठगी हो चुकी थी. इस ठगी के बाद उन्होंने तुरंत नगर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है. साइबर फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें? अपुष्ट कॉल पर विश्वास न करें: यदि कोई अंजान व्यक्ति आपको ””गलती से”” पैसे भेजने का दावा करता है, तो तुरंत उस पर विश्वास न करें. हमेशा अपना अकाउंट चेक करें: किसी भी ट्रांजेक्शन की पुष्टि के लिए हमेशा अपने बैंक या यूपीआइ ऐप में अपना बैलेंस और ट्रांजेक्शन हिस्ट्री खुद चेक करें. फर्जी स्क्रीनशॉट पर भरोसा न करें. ओटीपी या पिन शेयर न करें: किसी भी परिस्थिति में अपना ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड), पिन या अन्य बैंकिंग विवरण किसी के साथ साझा न करें. बैंक या कोई भी वित्तीय संस्थान आपसे कभी भी ये जानकारियां नहीं मांगता है. संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें : अज्ञात स्रोतों से आए किसी भी लिंक पर क्लिक न करें. ये फिशिंग लिंक हो सकते हैं जो आपकी जानकारी चुरा सकते हैं. शिकायत दर्ज करें : यदि आप ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं. साइबर अपराधी हर दिन नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं. आपकी सतर्कता ही इन ठगों से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है. जागरूक रहें और सुरक्षित रहें!
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