बांग्ला देश में प्याज नहीं जाने से कीमत में काफी गिरावट
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरअगले दो महीनों तक आलू-प्याज की कीमतें नहीं बढ़ेंगी.मॉनसून सीजन में हरी सब्जियों का भाव चढ़ता भी है तो आलू-प्याज का भाव स्थिर रहेगा.अक्सर मॉनसून सीजन शुरू होने के साथ ही प्याज की कीमतें काफी बढ़ जाती थीं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है. बांग्लादेश ने इस बार भारत से प्याज नहीं खरीदा है. नतीजा प्याज उत्पादन का सबसे बड़ा क्षेत्र मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र में प्याज का काफी स्टॉक है और प्याज खराब होने की स्थिति में है. इस कारण वहां प्याज का रेट काफी कम हो चुका है.
फिलहाल होलसेल मंडी में प्याज 1500 रुपये क्विंटल बिक रहा है, वहीं खुदरा बाजार में 24 से 26 रुपये किलो है. बाजार समिति में रोज नासिक व इंदौर से दस ट्रक प्याज उतर रहा है. करीब तीन हजार टन आलू की खपत रोज हो रही है. वहीं आलू का भी भरपूर स्टॉक है. इस बार किसानों ने आलू की अच्छी खेती की है. वहीं पं बंगाल से भी आलू आ रहा है, जिससे आलू का भाव भी स्थिर है. बाजार समिति के आलू-प्याज मंडी के अध्यक्ष विजय चौधरी ने बताया कि इस बार आलू-प्याज का भाव स्थिर है. फिलहाल कीमत बढ़ने की संभावना भी नहीं है. नासिक व इंदौर में प्याज खराब हो रहा है. इससे भाव गिरा हुआ है. वहीं आलू का स्टॉक भी काफी है. करीब दो महीने तक दोनों जिंसों का भाव स्थिर रहेगा.खुदरा बाजार में 24 रुपये प्याज व 20 रुपये में आलू
बाजार समिति की होलसेल मंडी में प्याज 1500 रुपये क्विंवटल, एलटी आलू यानी पश्चिम बंगाल से आने वाला आलू 1400 व स्थानीय आलू 1300 रुपये क्विंटल मिल रहा है. वहीं खुदरा बाजार में प्याज 24 रुपये व आलू 18-20 रुपये किलो उपलब्ध है. दोनों जिंसों का भाव पिछले एक महीने से स्थिर है. मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र में प्याज की भरपूर फसल होने से इसकी कीमत एक जैसी बनी हुई है. वहीं इस बार आलू की फसल भी अच्छी हुई है. कोल्ड स्टोर में आलू का स्टॉक काफी है. इसकी कीमत भी पहले जैसे बनी हुई है. दुकानदारों का कहना है कि फिलहाल आलू-प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है. दुर्गा पूजा तक कीमत बढ़ने की उम्मीद नहीं है. प्याज की नयी फसल आने के बाद ही कीमत में उतार-चढ़ाव होने की संभावना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है