– कॉमर्शियल ट्रैक्टर के निबंधन की तुलना में ट्रेलर का निबंधन करीब एक चौथाई ही
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरकृषि में निबंधित ट्रैक्टर के कॉमर्शियल उपयोग पर अब कड़ी कार्रवाई होगी. कृषि में निबंधित ट्रैक्टर के व्यवसायिक उपयोग से परिवहन विभाग के राजस्व को भारी क्षति पहुंचती है. इसको लेकर विभाग की टीम विशेष जांच अभियान चलाकर ऐसे वाहनों की जांच करेगी. जांच में गड़बड़ी मिलने पर बीस से तीस हजार रुपये जुर्माना के साथ उक्त ट्रैक्टर को कृषि से हटाकर कॉमर्शियल में निबंधन कराना होगा. जिला में परिवहन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि करीब 15 हजार कॉमर्शियल ट्रैक्टर का निबंधन है, लेकिन उसके अनुपात में महज चार हजार ही कॉमर्शियल ट्रेलर का निबंधन है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दस हजार कॉमर्शियल ट्रैक्टर में लगे ट्रेलर बिना निबंधन के चल रहे हैं. वहीं कृषि में करीब साढ़े आठ हजार ट्रैक्टर और महज 77 ट्रेलर का निबंधन है. सरकार द्वारा कृषि में निबंधित ट्रैक्टर को कॉमर्शियल वाहनों की तरह हमेशा फिटनेस व परमिट से छूट प्रदान की गयी है. लेकिन ग्रामीण इलाकों में भी कृषि में निबंधित ट्रैक्टर का जमकर कॉमर्शियल में उपयोग हो रहा है.
मालूम हो कि कृषि में निबंधित ट्रैक्टर से किसान अपना कृषि संबंधित कार्य में ही उपयोग कर सकते हैं, लेकिन उस ट्रैक्टर से बालू, गिट्टी, सिमेंट, छड़ या अन्य कोई व्यवसायिक माल की ढुलाई होती है तो उस पर जुर्माना लग सकता है. बताते चलें कि हाल ही में सरकार द्वारा टैक्स डिफॉल्टर वाहन मालिकों को राहत के लिए छह माह के लिए ओटीएस यानि वन टाइम सेटलमेंट योजना शुरू की थी जो मार्च महीने में समाप्त हुई थी. जिसमें टैक्स डिफॉल्टर (कर प्रमादी) टैक्टर-ट्रेलर का पथकर बकाया था. उन्हें एकमुश्त 30,000 रुपये जमा करने पर शेष कर व अर्थदंड से सर्वक्षमा दिये जाने का प्रावधान था. परिवहन विभाग की ओर से मिले निर्देश के तहत डीटीओ कुमार सत्येंद्र यादव ने सभी एडीटीओ, एमवीआइ, इआइ और इएसआइ को नियमित रूप से ऐसे ट्रैक्टरों की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिये है.जिले में निबंधित ट्रैक्टर व ट्रेलर के आंकड़े
– 14748 कॉमर्शियल ट्रैक्टर
– 3920 कॉमर्शियल ट्रेलर
– 8651 कृषि ट्रैक्टर
– 77 कृषि ट्रेलरB
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