मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान में वित्तीय अनियमितता बरतने के आरोप में हथौड़ी के तत्कालीन मुखिया मो. इश्तेयाक पर अब कार्रवाई की तलवार लटक गयी है. उन्हें अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका 22 अगस्त को दिया गया है. यह जानकारी उप निदेशक, पंचायती राज, तिरहुत प्रमंडल ने पत्र भेजकर दी है.उप निदेशक ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित तिथि पर मो. इश्तेयाक या उनके कोई प्रतिनिधि साक्ष्य सहित उपस्थित नहीं होते हैं, तो विभाग उनके विरुद्ध एकतरफा निर्णय ले सकता है. उन्हें अनिवार्य रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है.वित्तीय अनियमितता के आरोप और जांच
बताया गया है कि इस मामले में तत्कालीन पंचायत सचिव की संलिप्तता भी सामने आई है, और उनके विरुद्ध भी विभागीय स्तर पर कार्रवाई चल रही है. पूर्व में भी तत्कालीन मुखिया को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया था, लेकिन अब यह अंतिम तिथि निर्धारित की गई है.उप निदेशक के अनुसार, इस साल जनवरी में डीएम ने तत्कालीन मुखिया के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की थी. आरोप है कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के द्वितीय चरण के तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन में सामग्री खरीद में वित्तीय अनियमितता बरती गई थी. तत्कालीन मुखिया और पंचायत सचिव पर मानकों को ताक पर रखकर सामग्री खरीदने का आरोप है.जांच में सामने आईं खामियां
जांच के दौरान कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं. पता चला कि खरीदे गए डस्टबिन पर न तो आईएसओ और न ही बीआईएस मार्क था, जो गुणवत्ता मानकों की अनदेखी को दर्शाता है. इसके अतिरिक्त, सामग्री अधिप्राप्ति, खरीद और भंडार से संबंधित कोई भी रजिस्टर अपडेट नहीं पाया गया, जिससे खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और नियमों के उल्लंघन का संकेत मिलता है.इन्हीं गंभीर अनियमितताओं के उजागर होने के बाद से विभाग ने तत्कालीन मुखिया और पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की है. 22 अगस्त की सुनवाई के बाद इस मामले में अंतिम निर्णय आने की उम्मीद है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है