वरीय संवाददाता, मुजफ्
फरपुर
नगर निगम मुजफ्फरपुर की महत्वाकांक्षी योजनाएं – वृद्धाश्रम का निर्माण और जीविका दीदी की रसोई का संचालन – लंबे समय से अधर में लटकी हुई हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इन दोनों ही महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए अग्रिम राशि का भुगतान भी किया जा चुका है, बावजूद इसके धरातल पर कोई प्रगति नहीं दिख रही है.लापरवाही पर नगर आयुक्त का सख्त रुख : यह लापरवाही हाल ही में हुई एक आंतरिक समीक्षा बैठक में उजागर हुई, जिसके बाद नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित पदाधिकारियों और कर्मियों को कारण बताओ नोटिस (शो कॉज) जारी किया है.
जीविका दीदी की रसोई भी अधर में : नगर निगम की वृद्धाश्रम परियोजना, जिसके लिए सरकार से विशेष फंड भी प्राप्त हुआ है, लंबित है. इसके अतिरिक्त, निगम परिसर में ही जीविका दीदी की रसोई खोलने की योजना भी अधर में लटकी हुई है. यह स्थिति तब है जब लगभग छह महीने पहले जीविका बिहार के सीईओ हिमांशु शर्मा ने मुजफ्फरपुर का दौरा किया था. उस समय उन्होंने नगर निगम पहुंचकर महापौर और उपमहापौर से मुलाकात के बाद निगम कैंपस में जीविका दीदी की रसोई खोलने की सार्वजनिक घोषणा की थी. इस घोषणा के बाद कागजी कार्रवाई भी शुरू हुई, लेकिन अब तक यह योजना जमीन पर नहीं उतर पाई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है