प्रभात खास
::: बिजली बिल की तरह अब निगम का भी जमा होगा प्रॉपर्टी टैक्स, चालू वित्तीय वर्ष से ही लागू होगी नयी व्यवस्था
::: निजी बैंक के साथ नगर निगम का हुआ समझौता, अगले महीने तहसीलदार को प्रशिक्षित करेगा बैंक
हाइलाइट्स :::
– 56 हजार से अधिक होल्डिंग है मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र में.
– 50 करोड़ रुपये से अधिक का सालाना वसूली का है टारगेट.
देवेश कुमार, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर शहरी इलाके में निवास करने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. अब बिजली बिल की तरह ही नगर निगम का प्रॉपर्टी टैक्स भी डेबिट, क्रेडिट कार्ड और यूपीआई सहित अन्य डिजिटल माध्यमों से जमा किया जा सकेगा. नगर निगम अब अपने तहसीलदारों को पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीनों के साथ लोगों के घर भेजेगा. ताकि, बकाया टैक्स की वसूली आसानी से हो सके. इसी वित्तीय वर्ष से यह सुविधा लागू हो जायेगी. नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने एक निजी बैंक के साथ समझौते के बाद टैक्स वसूली में लगे तहसीलदारों को प्रशिक्षित करने का आदेश दिया है. इलेक्शन कार्य खत्म होने के बाद इन तहसीलदारों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. नगर निगम का दावा है कि इस पहल से होल्डिंग स्वामियों को काफी राहत मिलेगी और अवैध वसूली पर भी लगाम लगेगी.रसीद-बही की जगह हाथ में होगा पीओएस
वर्तमान में प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने के लिए लोगों को नगर निगम कार्यालय में खुले काउंटर पर जाना पड़ता है. इसके अलावा, तहसीलदार रसीद-बही लेकर घरों तक पहुंचते हैं और नकद या चेक के माध्यम से टैक्स प्राप्त कर हाथ से लिखी रसीद देते हैं. प्रॉपर्टी टैक्स में अवैध वसूली की शिकायतों के बाद नगर निगम ने यह ऑनलाइन सुविधा देने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है. नगर निगम के पास 56 हजार से अधिक होल्डिंग (मकान) हैं, जिनकी पूरी जानकारी ऑनलाइन की जा रही है.जाने
डिजिटल भुगतान के फायदे
तत्काल पुष्टि और रिकॉर्ड:
जैसे ही होल्डिंग स्वामी अपना प्रॉपर्टी टैक्स जमा करेंगे, उनके मोबाइल पर एक मैसेज के साथ रसीद की कॉपी प्रिंट करने के लिए एक लिंक आयेगा. पीओएस मशीन के माध्यम से टैक्स की राशि सीधे नगर निगम के खाते में जमा हो जायेगी.आसान रिकॉर्ड रखरखाव:
ऑनलाइन भुगतान से होल्डिंग स्वामी के पास भुगतान का पूरा रिकॉर्ड होगा, जिसे वे किसी भी समय देख सकेंगे. अभी तक, हाथ से लिखी रसीदों के अलावा कोई डेटा उपलब्ध नहीं होता था, और रसीद गुम होने पर भुगतान का कोई रिकॉर्ड नहीं बचता था.सुविधाजनक सूचनाएं:
एक बार मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड हो जाने पर नगर निगम की ओर से प्रॉपर्टी टैक्स पर मिलने वाली छूट और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां सीधे उनके मोबाइल पर भेजी जायेंगी.डिफॉल्टरों की पहचान में आसानी:
इस सिस्टम से नगर निगम को भी फायदा होगा. निगम के पास डिफाल्टरों का पूरा रिकॉर्ड रहेगा, जिससे उन्हें नोटिस जारी करने में परेशानी नहीं होगी. जिन लोगों ने टैक्स जमा नहीं किया होगा, उन्हें उनके मोबाइल पर अलर्ट मैसेज आते रहेंगे.कोट :::
समय के साथ नगर निगम भी हाइटेक हो रहा है. लगभग दो साल से ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स जमा हो रहा है. अब तहसीलदार को भी पीओएस मशीन के साथ लोगों के घर भेजा जायेगा. रजिस्टर की जगह पीओएस मशीन में ही होल्डिंग टैक्स की पूरी जानकारी उपलब्ध रहेगा.विक्रम विरकर, नगर आयुक्त B
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है