Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक दर्दनाक हकीकत तब सामने आई जब मंगलवार की शाम नगर थाना के SHO शरत कुमार को एक लड़की का कॉल आया- “हैलो, सर… मैं एक घर में फंसी हुई हूं, जबरन मुझसे देह व्यापार कराया जा रहा है. मैं नहीं जानती कि मुझे कहां रखा गया है. प्लीज, हम लोगों को बचा लीजिए.” यह कॉल किसी सामान्य शिकायत से कहीं बढ़कर था. यह एक टूटती इंसानियत की चीख थी.
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए लड़की से आसपास के स्थानों की जानकारी जुटाई और तकनीकी सहायता से उसकी लोकेशन ट्रेस की. देर शाम नगर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर चार लड़कियों को उस किराए के मकान से रेस्क्यू किया, जहां उन्हें कैद कर रखा गया था.
राजनीतिक जुड़ाव ने चौंकाया
जांच में खुलासा हुआ कि इस रैकेट को चलाने वाले कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि हम (Hindustani Awam Morcha) पार्टी के युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष दिलीप कुशवाहा और उसकी पत्नी किरण कुमारी थे. इस खुलासे के बाद पार्टी ने तत्काल प्रभाव से दिलीप को बाहर कर दिया.
पुलिस ने दिलीप और किरण के साथ एक ऑटो ड्राइवर लक्ष्मण पासवान, दो होटल मैनेजर—अंकित कुमार (सीतामढ़ी) और पवन कुमार (मोतीपुर) को गिरफ्तार कर लिया है. इन सब पर लड़कियों को सप्लाई करने, शोषण और रैकेट चलाने का आरोप है.
‘भोली लड़कियों को बनाते थे शिकार’
डीएसपी टाउन 1 सीमा देवी ने बताया कि लड़कियों को ऑटो ड्राइवर लक्ष्मण पासवान के जरिए फंसाया जाता था, जो घर से झगड़कर भटकती हुई लड़कियों को तलाश करता था. फिर किरण कुमारी उन्हें नौकरी और आश्रय का झांसा देकर देह व्यापार में धकेल देती थी. एक लड़की को दिल्ली जाने के लिए टिकट भी दिलाया गया था, लेकिन ट्रेन छूटने के बाद वह मुजफ्फरपुर में फंस गई और अंततः उसे इस रैकेट का हिस्सा बना दिया गया.
होटल और ऑनलाइन सप्लाई
अंकित और पवन लड़कियों की तस्वीरें ग्राहकों को व्हाट्सऐप पर भेजते और रेट तय करते थे. ग्राहकों की जानकारी मिलने के बाद लड़कियों को होटल में भेजा जाता था. छापेमारी के दौरान एक कार, पांच मोबाइल फोन, एक DVR और वह ट्रेन टिकट भी बरामद हुआ, जो पीड़िता की थी.
राजनीतिक रसूख की जांच
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिलीप कुशवाहा का राजनीतिक रसूख भी जांच के घेरे में है. आरोप है कि वह कई नेताओं तक लड़कियां पहुंचाता था. इस एंगल से भी पुलिस तहकीकात कर रही है.
मकान मालिक पर भी कार्रवाई
जिस मकान में लड़कियों को रखा गया था, उसे दिलीप ने सालों से किराए पर लिया था. मकान मालिक ने न तो किरायेदार का पुलिस सत्यापन कराया और न ही गतिविधियों की जानकारी दी, इस कारण उसे भी अभियुक्त बनाया जाएगा.