दिव्यांग, महिला और बुजुर्गों पर चुनाव आयोग का विशेष फोकस
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरविधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने तैयारियों का जायजा लेना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में आयोग ने राज्य के सभी मतदान केंद्रों (बूथों) पर उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है, निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन विभाग से प्रत्येक मतदान केंद्र पर रैंप, शौचालय और छांव (शेड) जैसी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और उनकी वर्तमान स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आयोग का जोर है कि दिव्यांग मतदाताओं, महिला मतदाताओं और बुजुर्गों सहित सभी मतदाताओं को मतदान के दिन किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े. यह निर्देश यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि मतदान प्रक्रिया सुगम और समावेशी हो, जहां प्रत्येक नागरिक अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी पूरा कर सके. राज्य निर्वाचन विभाग अब सभी जिलों से इन सुविधाओं से संबंधित डेटा संकलित कर आयोग को भेजेगा.
जिले में होंगे चार हजार मतदान केंद्र
विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसके तहत अब प्रत्येक 1200 मतदाताओं पर एक मतदान केंद्र (बूथ) का गठन किया जाएगा. पहले यह सीमा 1400 मतदाताओं की थी. इस बदलाव का सीधा असर जिले में मतदान केंद्रों की संख्या पर पड़ेगा, जिससे मुजफ्फरपुर में लगभग 800 अतिरिक्त बूथों की संख्या बढ़ जायेगी. जिला प्रशासन ने इस नये निर्देश के अनुरूप तैयारियां शुरू कर दी हैं. करीब चार हजार बूथ पर मतदाताओं के लिए बुनियाादी सुविधा देनी है. इसमें दिव्यांग बहुल मतदान केंद्र पर रैंप होना अनिवार्य है. जिला अंतर्गत कुल मतदाता 3445658 है जिसमें पुरुष मतदाता 1812 622 तथा महिला मतदाता 1632 937 थर्ड जेंडर 99 तथा जेंडर रेशियो 901 हैं. महिला वोटर की संख्या व लिंगानुपात बढ़ाने को कहा गया है. इसके लिए जीविका दीदियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं को जिम्मेदारी दी गयी है़
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